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PATNA: दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की भांति अधिकार मिल सके इसके लिए देश में केन्द्र सरकार की ओर से एक्सेसबल इंडिया की मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन राजधानी का कॉलेज ऑफ कॉमर्स इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता है। यही वजह है कि इस मुहिम के पालन में लगे नि:शक्त आयुक्त के पत्र का जवाब भी कॉलेज नहीं दे रहा है। ताजा मामला ख्क् वर्षीय दिव्यांग समीर कुमार का है। उसे कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पीजी कोर्स में एडमिशन से वंचित रखा गया है।

कॉलेज नहीं मानता नियमों को

दिव्यांगों को लेकर आदेश है कि कम से कम पांच प्रतिशत सीट पर दिव्यांग छात्रों को एडमिशन मिलना ही चाहिए। लेकिन पटना में आलम यह है कि कॉलेज ऐसे केसेज की अनदेखी करते हैं। कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पीजी के नए सेशन में एक भी दिव्यांग छात्र का एडमिशन नहीं होना इस बात की एक बानगी भर है।

पत्र लिखा फिर भी अनदेखी

दिव्यांगों के लिए काम करने वाली निजी संस्था तोसियाष के सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि वे इस मामले को लेकर समीर के साथ नि:शक्त आयुक्त कुशेश्वर दास के कार्यालय गए। उन्होंने इस मामले को लेकर तत्परता दिखाते हुए समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी अधिनियम, क्99भ् और बिहार नि:शक्त व्यक्ति नियमावली ख्00ब् का हवाला देते हुए एडमिशन के लिए संबंधित छात्र व संस्था से संपर्क करने के लिए मगध यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑफ कामर्स के प्रिंसिपल को लिखा था।

सात दिनों में देना था जवाब

दास ने निर्देश पत्र क्7 नवंबर को जारी किया था। इसका जवाब मगध यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल को सात दिनों में देना था। लेकिन अब तक इस बारे में दोनों में से किसी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। नतीजा मामला अब तक पेंडिंग है।

बैक अफसर बनना चाहता हूं

एक कान से सुन पाने में असमर्थ समीर कुमार (ग्राम नेऊरी, ब्लाक दनियावा) ने कहा कि पिता किसान हैं लेकिन वह पीजी की पढ़ाई कर बैंक अफसर बनना चाहता है। कहा कि, उसे भरोसा था कि दिव्यांगों के लिए एडमिशन लिस्ट जारी की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एडमिशन सेक्शन में भी यही कहा गया था। फिर कॉलेज के एक स्टॉफ ने कहा कि प्रिंसिपल डॉ बबन सिंह ही इसमें कुछ कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया। आई नेक्स्ट ने जब डॉ बबन से संपर्क किया तो वे अस्पताल में भर्ती थे

यदि ऐसा कुछ है तो मैं इस मामले के बारे में जानकारी लेकर समाधान निकालूंगा। फिलहाल व्यक्तिगत तौर पर मुझे इससे पहले जानकारी नहीं थी।

- डॉ श्यामल किशोर, को-ऑर्डिनेटर मगध यूनिवर्सिटी

कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल और मगध यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी को रिमाइंडर भेजा जाएगा। फिर भी कुछ नहीं हुआ तो कोर्ट के जरिए जवाब तलब किया जाएगा।

- कुशेश्वर के दास , नि:शक्त आयुक्त