PATNA: हमलोग पर्यावरण दिवस मनाने जा रहे हैं और पर्यावरण के लिए जो अनुकूल नहीं है, वैसा ही सब कुछ करते जा रहे हैं। यह बेहद भयावह स्थिति हो सकती है। मैंने पटना में प्लास्टिक को बैन किया है और अब पूरे बिहार में प्लास्टिक को बैन किया जाएगा। ये बातें बिहार स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डॉ अशोक घोष ने विश्वश्रैया सभा भवन में आयोजित नेशनल सेमिनार के दौरान कही। नेशनल सेमिनार का विषय था- ' वेस्ट मैनेजमेंट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट'। इसका आयोजन द इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया की ओर से किया गया। वे बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर कार्यक्रम में शामिल थे। इस दौरान इंजीनियरों एवं विषय विशेषज्ञों के द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट के पहलूओं पर प्रजेंटेशन भी दिया गया। इससे पहले कार्यक्रम के बारे में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया के चेयरमैन किशोर कुमार ने जानकारी दी। डॉ अशोक घोष ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सबसे कठिन है। इसलिए यह पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसकी व्यवहारिक कठिनाई यह भी है कि इसे अकेले बोर्ड समाधान नहीं निकाल सकता है। जरूरी है कि सभी लोग इसके लिए जागरूक हो और लोगों के बीच भी जागरूकता लाएं।

जो जलाया जा सकता है उसे घर पर ही जलाना बेहतर

कार्यक्रम के मेन स्पीकर आईआईटी, दिल्ली के प्रो। बी जे अलापत उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि जिस स्तर से वेस्ट का जेनरेशन हो रहा है उस स्तर पर इसका ट्रीटमेंट नहीं होना चिंताजनक है। वेस्ट को सही तरीके से निपटारा हो इसके लिए सभी प्रकार के वेस्ट को सेगरीगेट करना जरूरी है। यह काम घर पर ही कर लिया जाए तो सबसे अच्छा है। जैसे लौह कचरा, अलौह कचरा, जैविक कचरा और अजैविक कचरा आदि। उन्होंने कहा कि जो कचरा जलाया जा सकता है, उसे घर पर ही जला देना चाहिए। कार्यक्रम के कन्वेनर डॉ एनएस मौर्या थे।