- बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से स्टार्ट अप कान्कलेव आर्गनाइज

- कान्कलेव में 300 से अधिक स्टार्ट आए , एक्सपर्ट से पाया मेंटरिंग

PATNA : नौकरी नहीं अब उद्यमिता का है समय, पैसे से पहले अपने बिजनेस आइडिया की परख कर लें, मार्केट में नया क्या है और कौन सी एक्टिविटी कामयाब हो सकती है, उसकी विभिन्न पहलूओं को जांच लें और मेंटरिंग लेते रहें। यह सार निकलकर सामने आया राजधानी पटना में आयोजित स्टार्ट अप कान्कलेव में। बिहार में राष्ट्रीय स्तर के ऐसे आयोजन को पहली बार बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) की ओर से किया गया था। इसमें इंडियन एजेंल नेटवर्क की सहयोगी भूमिका थी। इस कान्कलेव में देश भर के स्टार्ट अप एक्सपर्ट, एकेडेमिशियन, बिजनेस ओनर, वेंचर मार्केट के जानकार और बिहार सरकार के उद्योग विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम के चीफ गेस्ट उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह और गेस्ट ऑफ ऑनर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ एस सिद्धार्थ उपस्थित थे। मंच पर को-आर्डिनेशन बीआइए के वीपी संजय गोयना ने की।

बिहार की पॉलिसी होगी बेहतर

इस अवसर पर चीफ गेस्ट जय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में स्टार्ट अप की अच्छी संभावना है। बिहार सरकार इसके माध्यम से युवाओं के इनोवेशन को प्रमोट करने के लिए तैयार है। इसके लिए फंड की भी कमी नहीं होने दी जाएगी। इसलिए वित्तीय रूप से सहायता देने का प्रावधान का लाभ मिलेगा। उन्होंने बिहार इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट प्रमोशन बिल ख्0क्म् की चर्चा की। बीआइए के प्रेसिडेंट राम लाल खेतान ने सभी का स्वागत किया और कहा कि यहां आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए बीआइए निरंतर कार्यरत है।

फंडिग नहीं आइडिया पर ज्यादा जोर

पैनल डिस्कशन के दौरान एजेंल नेटवर्क के मेंबर एवं मुकुंद फूड्स प्रा। लि। के डायरेक्टर हरिबाला सुब्रमन्यम ने इसके लिए फंडिंग की समस्याओं और उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि जो इनवेस्टर है, वह यह देखना चाहता है कि बिजनेस मॉडल कैसा है, मैनेजमेंट किसके हाथों है और कंज्यूमर के लिए क्या सर्विसेज दी जा रही है। कहा कि फंडिग बाद की चीज है सबसे पहले आपका आइडिया अप्रूव होना चाहिए.इंडियन एजेंल नेटवर्क के इनक्यूबेटर मैनेजर सिद्धांत वैद ने पैनल मोडरेट किया।

ग्रोथ सस्टेन हो तो आगे बात बने

पैनल में पार्टिसिपेंट और स्टार्ट अप के एक्सपर्ट, आइसीए एजुस्किल प्रा। लि। के चेयरमैन नरेंद्र श्यामसुखा ने कहा कि स्टार्ट अप में युवाओं के लिए अभी अच्छे अवसर हैं। पैसा मिलना इनवेस्टर से आसान नहीं होता है। वे यह जानना चाहते हैं कि बिजनेस मॉडल वास्तव में सस्टेनेबल है, ग्रोथ की गुंजाइश रहेगी। साथ ही, आप कस्टमर को कैसी सर्विस दे रहे हैं और उसका कितना विस्तृत दायरा होगा, यह भी देखते हैं।

नौकरी नहीं उद्यमिता की बात

कान्कलेव में चार पैनल डिस्कशन आयोजित किये गए। इसमें स्टार्ट अप को एक करियर के रूप में कैसा हो, इस पर पैनल डिस्कशन किया किया। इसमें निफ्ट पटना के डायरेक्टर प्रो। संजय श्रीवास्तव आईआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। पुष्पक भट्टाचार्य और मोडरेटर के रूप में आईआईएम के मार्केटिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पीयूष कुमार उपस्थित थे। प्रो। संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ाई के बाद लोग नौकरी के लिए ध्यान देते हैं और तैयारी भी वैसी ही करते हैं। लेकिन समय बदला है और उन्हें उद्यमिता पर ध्यान देना चाहिए। इससे न केवल इनोवेशन की संभावना अधिक होगी बल्कि बिजनेस सेंटरों की संख्या भी बढे़गी।