-डीएम और सीओ को 4 सप्ताह में अपना पक्ष रखने का दिया निर्देश

PATNA: आर ब्लॉक के पास एमएलए फ्लैट के निर्माण पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्टे लगा दिया। कोर्ट ने डीएम और सीओ को 4 सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है। यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकलपीठ ने मो। इम्तियाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस जगह फ्लैट बनाए जा रहे हैं वहां 7.40 एकड़ जमीन उनकी निजी संपत्ति है। यह भूमि भविष्य निधि ऑफिस से लगी है। जिसपर 1944 से ही क?जा है। फि़लहाल वहां उनका पक्का मकान और 10-11 झुग्गी झोपड़ी है।

याचिकाकर्ता ने पेश किए साक्ष्य

भवन निर्माण विभाग की ओर से 4 जून को नोटिस जारी कर जगह खाली करने का आदेश पारित किया गया था। अदालत को यह भी जानकारी दी गयी कि उस प्लॉट को लेकर एकतरफा इविक्शन सूट चलाया गया और उन्हे बिना सुने आदेश पारित कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने जमीन पर अपने स्वामित्व के पक्ष में कुछ साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। कोर्ट ने सारे तथ्यों से अवगत होने के बाद यथा स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।

तो प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई

दूसरी ओर एक अन्य मामले में मगध विश्वविद्यालय व बीडी कॉलेज (मीठापुर) के शिक्षकों व कर्मचारियों की मिलीभगत से करीब सवा करोड़ रुपए की अवैध निकासी पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 1 माह में कार्यवाई करने का निर्देश दिया है.अखिलेश ने एक लोकहित याचिका दायर कर शिकायत की थी कि मगध विश्वविद्यालय एवं बीडी कॉलेज के पदाधिकारियों की मिलीभगत से मई 2009 से लेकर 2017 तक बड़े पैमाने पर रुपये की निकासी की गई।

एक माह के अंदर जवाब दे बिहार सरकार

इस अवैध निकासी को लेकर मुख्य सचिव ने कमेटी गठित कर जांच भी कराई थी। जिसमें गड़बड़ी का पता चला। जांच समिति ने निकाली गई राशि को लौटाने और दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई की । खंडपीठ ने कहा कि जब कमेटी की रिपोर्ट में आरोप सत्य पाया गया तो प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई। राज्य सरकार से एक माह जवाब मांगा गया है।