- बिहार में आरएसएस और होगा मजबूत, स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर जोर, बैठक खत्म

- खुले मैदान में शाखा लगाते समय कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने को कहा

PATNA: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक पटना में संडे को संपन्न हो गई। बैठक में सामाजिक समरसता, पर्यावरण, जल संरक्षण और कोरोना काल में स्वयंसेवकों के सेवा कार्यो की समीक्षा की गई। बैठक में शाखा के विस्तार पर भी चर्चा की गई। जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के लिए इन्हें पॉल्यूशन से बचाना जरूरी है इसलिए प्लास्टिक का यूज रोकने पर भी जोर दिया गया।

सभागार का किया लोकार्पण

भागवत ने केशव सभागार का लोकार्पण किया। संडे को भोजन सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सुरेश सोनी, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन और सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर ने पौधारोपण किया।

आत्मनिर्भरता के लिए बढ़ाएं सेवा कार्य

पटना सिटी के मरचा-मरची स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय बैठक में स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के आधार पर सेवा कार्य आगे बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की गई। कोरोना काल के कारण बदले हुए परिवेश में स्वयंसेवकों से आह्वान किया गया कि वे अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करें। बैठक में संघ कार्य के साथ वर्तमान परिस्थिति की भी समीक्षा की गई और आगामी कार्यक्रमों का विमर्श किया गया।

कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह करें पालन

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के चलते बदले हुए परिवेश में खुले मैदान में शाखा लगाते समय कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना आवश्यक है। बैठक में कुटुम्ब प्रबोधन जैसे सामाजिक विषय पर विस्तार से चर्चा की गई।

कुटुम्ब प्रबोधन का उद्देश्य परिवार में संस्कारमय परिवेश बनाना है। आवश्यक है कि परिवार प्रबोधन के कार्य को गति दी जाए और प्रत्येक स्वयंसेवक ज्यादा सक्रियता के साथ अपने दायित्व का

निर्वहन करे।

पर्यावरण बचाने पर जोर

स्वयंसेवकों को सामाजिक समरसता और पर्यावरण जैसे विषय पर सजग रहने का भी आह्वान किया गया। कहा गया कि मंदिर, जल और श्मशान सबके लिए एक हो। हमारा समाज एक परिवार है, इसलिए किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। पर्यावरण को सुरक्षित रखकर ही हम अपने भविष्य को संरक्षित कर सकते हैं। जल संरक्षण, जल प्रबंधन, जल का अपव्यय, वृक्षारोपण और प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।