PATNA: इस बार कृषि में समग्र विकास पर बल दिया गया है। सिंचाई, कृषि शिक्षा और बाजार से आगे किसानों की सुरक्षा के जरिए बिहार में दूसरी हरित क्रांति लाने का प्रयास जारी है। अगले 5 वर्ष के लिए बनाए गए तीसरे कृषि रोडमैप में 1.54 लाख करोड़ रुपए व्यय की पहले ही व्यवस्था कर चुकी बिहार सरकार ने बजट में खेतिहर मजदूरों के पोषण, आय बढ़ाने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर बल दिया है। कृषि से संबंधित 12 विभागों के कार्यक्रमों को संबद्ध कर बड़े-छोटे किसानों और मजदूरों के असंतोष दूर कर तकनीकी सहयोग के जरिए समृद्धि लाने की कोशिश की गई है।

पटना में प्रबंधन कॉलेज

खेती-किसानी में सबसे बड़ी समस्या अकुशलता है। बिहार में 70 परसेंट लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं लेकिन अधिकतर किसान ट्रेंड हैं। किसानों को आर्थिक रूप से निर्भर बनाने के लिए कृषि शिक्षा के लिए गया में कृषि इंजीनिय¨रग कॉलेज, फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज, पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन कॉलेज और आरा में जैव प्रौद्योगिकी कॉलेज की स्थापना की जाएगी।

बीज उत्पादन को प्राथमिकता

दूसरे कृषि रोडमैप को क्रियान्वित करके बिहार ने 2017 में 185.60 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन किया है। राज्य को 2012 में धान, 2013 में गेहूं और 2017 में मक्के के उत्पादन में उत्कृष्ट उपल?िध के लिए केंद्र सरकार ने कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा है। दाल के संकट से जूझ रहे सूबे में दलहनी एवं तेलहनी फसलों के बीज उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी। श्रीविधि से धान की उपज बढ़ाने के लिए लघु-सीमांत किसानों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।