PATNA: प्रदेश में मंडे को भी कई जिलों में बाढ़ का कहर जारी रहा। लाखों लोग बाढ़ के पानी में जान बचाने के लिए संघर्ष करते रहे। हालांकि सीमांचल में कुछ गांवों से पानी निकलने की बात कही गई है। पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर में दो तटबंध समेत सारण तटबंध कई जगह टूट गया है। पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहड़ा नदी के दबाव से तटबंध टूटा है। यहां 3 सौ घरों में पानी घुस गया। मुजफ्फरपुर में कदाने नदी का तटबंध फिर टूट गया है। गोपालगंज में पुरैना के बाद सोनवलिया, मड़वा और मूंजा में सारण तटबंध जगह-जगह टूटने से गंडक नदी की विनाशकारी बाढ़ से चार प्रखंडों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। डूबने से 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें पूर्वी चंपारण के 6, सहरसा और गोपालगंज में 2-2, मधुबनी, पूर्णिया और समस्तीपुर में 1-1की मौत हुई है।

अब भी उफन रहीं नदियां

पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 2.21 लाख क्यूसेक रहा। शिवराजपुर के पास चंपारण तटबंध में जारी रिसाव को लोगों ने रोका। पूर्वी चंपारण के शीतलपुर के पास पुल पर कटाव जारी है। मधुबनी में स्थिति यथावत है। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर लाल निशान से ऊपर है। शहर पर खतरा बढ़ गया है। करेह तटबंध से रिसाव जारी है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा और लालबकेया उफान पर है। मोतिहारी और सीतामढ़ी से शिवहर का संपर्क बाधित रहा। दरभंगा के फिर कई गांवों में हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री बांटी गई।