- अभिभावक कोरोना संक्रमण से भयभीत, अधिकांश स्कूलों में 30 फीसद बच्चे भी नहीं आ रहे, धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद

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- 24246 विद्यार्थी नामांकित हैं पटना जिले में इंटर में, 12123 विद्यार्थी बुलाए गए थे मंगलवार को, आए 4273

PATNA : शिक्षा विभाग के आदेश पर 10वीं से ऊपर के सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थान खुल गए हैं, लेकिन अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। सरकार ने 50 फीसद बच्चों को एक दिन के अंतराल पर स्कूल बुलाने का आदेश दिया है। कई स्कूलों में 30 फीसद भी बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। ऐसे में स्कूलों ने 100 फीसद बच्चों को बुलाने की कोशिश शुरू कर दी है ताकि कक्षाओं में कम से कम 50 फीसद तक उपस्थिति हो सके।

पटना जिले में इंटर में 24246 विद्यार्थी नामांकित हैं। मंगलवार को 12123 विद्यार्थियों को बुलाया गया था, लेकिन 4273 विद्यार्थी ही स्कूल आए। केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग के प्राचार्य एमके सिंह का कहना है कि बच्चे कम आ रहे हैं। हालांकि, धीरे-धीरे उसमें वृद्धि होने की उम्मीद है। वहीं, एसोसिएशन आफ पब्लिक स्कूल के कोषाध्यक्ष एके नाग का कहना है कि अभी काफी अभिभावक कोरोना संक्रमण से भयभीत हैं। वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। अन्य बच्चों को स्कूल आने से उनका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा तो वे भी स्कूल भेजने लगेंगे।

टीकाकरण के बाद भेजेंगे स्कूल

राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल में बच्चे को पढ़ाने वाले अभिभावक अतुल अभिनव का कहना है कि वर्तमान में भीड़ में बच्चे को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। राजधानी अभी भी कोरोना संक्रमण से मुक्त नहीं हो पाई है। वहीं, अभिभावक डा। राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि उम्मीद है कि जल्द ही बच्चों का टीका आ जाएगा। बच्चों को टीका लगने के बाद उन्हें स्कूल भेजने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसी तरह राजधानी के अधिकांश अभिभावक इंतजार की स्थिति में है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को स्कूल भेजे या नहीं।

दूसरे दिन स्कूलों में 30 फीसद बच्चे बढ़े :

सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के अध्यक्ष डा। राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या में 30 फीसद की वृद्धि देखी गई। बुधवार को उसमें ओर वृद्धि होने की उम्मीद है। डा। सिन्हा का कहना है कि इस सप्ताह के अंत तक बच्चों की उपस्थिति सामान्य हो जाएगी। अभी काफी संख्या में अभिभावक अपने गांव गए हैं। स्कूल खुलने के बाद धीरे-धीरे वे लौट रहे हैं।