टीनएजर्स क्रिमिनल्स की एक फैक्ट्री

दरअसल, बिन्दू सिंह ने जेल में ही बैठे- बैठे टीनएजर्स क्रिमिनल्स की एक फैक्ट्री चला रहा है। जेल से ही फोन पर उसकी सेटिंग होती है जिसे कोई रोक नहीं पाता। जेल एडमिनिस्ट्रेशन उसका कुछ नहीं बिगाड़ पता। इसी का नतीजा है कि दस लाख की फिरौती के लिए बिन्दू सिंह के इशारे पर उसके गुर्गो ने बिजनेसमैन अभय सिंह और उसके मैनेजर चंद्रकांत सिंह का अपहरण कर लिया। हालांकि पुलिस ने इन दोनों को सही सलामत बरामद कर लिया मगर गिरफ्तार अपराधियों ने जिस तरह से पुलिस को 'बिन्दूनामा' सुनाया उससे वह भी चौंक पड़ी। पकड़े गए लड़कों में छोटू समेत तीन लड़के टीनएजर हैं।

नेटवर्क ऐसा की टूट नहीं रहा

यह सिर्फ कहने सुनने की बात नहीं बल्कि विश्वास करने वाली है। पुलिस भी मानती है कि बिन्दू सिंह ने अपने फेवर में टीनएजर्स की एक ब्रिगेड खड़ी कर रखी है जो किसी भी समय किसी तरह के क्राइम को अंजाम देने के लिए सक्षम है। वह उन लड़कों को चुनता है जो कुछ भी करने को तैयार होते हैं। उन्हें रुपए देने के साथ ही जीना भी सिखाता है। इन कम उम्र के बच्चों का ऐसा माइंड वाश करता है कि वे उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं

नाम लेना भी नहीं चाहते

बिन्दू सिंह के लिए काम करने वाले लड़के कभी उसका नाम भी नहीं लेना चाहते। भईया, भाई साहब, बिग बॉस या फिर आका कुछ ऐसे ही भारी भरकम नामों से बिन्दू को संबोधित करते हैं। पुलिस के सामने भी पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लड़के बिन्दू सिंह का नाम लेने से परहेज कर रहे थे। इन लड़कों के सामने वह हीरो बना है और सिर्फ पटना ही नहीं कई डिस्ट्रिक्ट में ऐसे लड़कों को तैयार कर रखा है। इसके अलावा उसके यूपी में भी अच्छे कनेक्शन हैं। झारखण्ड में तो उसकी तूती अब भी बोलती है। पिछले साल ही वहां की पुलिस ने उसे रिमांड पर पूछताछ के लिए ले गई थी। झारखण्ड के कई बड़े मिठाई के बिजनेस करने वालों को धमकी देकर रंगदारी मांगी गई थी।

अपनी ताकत दिखाता रहता है

जब भी बिन्दू सिंह को कम कर आंकने की बात आती है तो वह अपनी ताकत दिखा देता है। जेल में उससे बहस करने और और हाथ लगाने की सजा दो लोगों को मिल चुकी है। बेऊर जेल के जेलर अमरजीत सिंह की बिन्दू सिंह से बहस हुई जिसके बाद से ही उसने टारगेट कर लिया था। दो बार हमला हुआ। इसका जिम्मा उसने अपने दो खास गुर्गो को दिया। जिसमें दीपक दयाल और छोटू उर्फ शिवम् शामिल था। बेऊर जेल गेट के पास ही जेलर अमरजीत सिंह पर गोलियां बरसाई गई। वे बाल बाल बचे। यही नहीं शिवम् तो जेलकर्मी चट्टान सिंह पर भी हमला करने का सजिशकर्ता रहा है। उसने मुन्ना उर्फ अरमान राज के साथ मिलकर बिन्दू के आदेश पर हमला किया था।

उठा लो अभय को

बड़ा बिजनेस करो और बिन्दू सिंह को नजराना न भेजो यह कैसे होगा। अभय सिंह ने बिन्दु सिंह को रंगदारी नहीं दी। यही कारण रहा कि उसने अपने गुर्गों को आदेश दिया कि उसे उठा लो और दस लाख रुपए की फिरौती लेने के बाद मार दिया जाए। भगवान का शुक्र है कि पुलिस को इंफॉर्मेशन मिली और अभय सिंह और उसके मैनेजर चंद्रकांत सिंह को बचा लिया गया। उसे पूर्णिया के हाट थाना एरिया के होली डे से बरामद कर लिया गया। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से आम्र्स के अलावा कई फर्जी डाक्यूमेंट्स के अलावा 33 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस ने सबसे पहले छोटू उर्फ शिवम्् को पकड़ा था जिसकी निशानदेही पर रेड की गई थी। पूर्णिया जाने के क्रम में इन लोगों ने एक बार स्कॉर्पियो भी बदल दी। उत्तर प्रदेश की गाड़ी का नम्बर भी पुलिस ने जब्त किया है। फर्जी प्रेस कार्ड भी गिरफ्तार दिलीप कुमार के पास से मिला है।

चर्चित मोनी हत्याकांड में रहे हैं शामिल

पकड़े गए अलंकार कुमार उर्फ अरमान राज और सोनू दोनों मधुबनी के चर्चित मोनी गुप्ता किडनैपिंग केस में शामिल रहे हैं। सोनू तो इस मामले में छह साल की सजा काटकर बेऊर जेल से हाल ही में सजा काटकर निकला था।

बिन्दू सिंह के इशारे पर अभय सिंह और उसके मैनेजर चंद्रकांत को किडनैप किया गया था। कांड के दर्ज होने के 72 घंटे के अंदर इन्हें पूर्णिया से पटना पुलिस ने बरामद कर लिया। रंगदारी नहीं पहुंचाने के कारण किडनैपिंग की गई थी। इसमें कम्र उम्र के कई अपराधी शामिल हैं।

मनु महाराज, सीनियर एसपी।

गिरफ्तार

1. छोटू उर्फ शिवम्, गंधार, घोसी थाना जहानाबाद

2. सोनू कुमार, लक्ष्मीपुर, सकरा थाना, मुजफ्फरपुर

3. दिलीप कुमार, सुभाष नगर, के हाथ थाना, पूर्णिया

4. मुन्ना कुमार उर्फ अरमान राज, बांस बिगहा, धनरुआ थाना पटना

5. अलंकार कुमार उर्फ आदित्य, महसौरा, थाना रामगढ़, लखीसराय

6. धीरज राय, तेलगी थाना खड़ीक बाजार, भागलपुर

7. अभिषेक सिन्हा उर्फ बिट्टू, भट्ठा बाजार, थाना सहायक खजांची, पूर्णिया

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