स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई, डिप्टी कमिश्नर (कॉमर्शियल) टैक्स के बैंक अकाउंट से मिले 40 लाख

PATNA : बिहार की भ्रष्ट नौकरशाही का पर्दाफाश करते हुए स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने बिहार वित्त सेवा के अधिकारी आय से अधिक संपत्ति मामले में कमर्सियल टैक्स डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर बरुण कुमार सिकदर पर कार्रवाई की है। एसवीयू ने शुरुआती जांच में ही सिकदर के पटना व बिहारशरीफ स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की काली कमाई का पर्दाफाश किया है। बरुण कुमार सिकदर फिलहाल नालंदा में पदस्थापित हैं।

इनके बैंक खातों की आरंभिक जांच में ही ब्0 लाख की नकदी जमा होने की पुष्टि हो चुकी है। सिकदर नालंदा में पदस्थापित होने से पहले पटना सिटी और मुजफ्फरपुर में भी बतौर सहायक वाणिज्यकर आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। वर्ष क्99फ् में बिहार वाणिज्यकर सेवा में अपनी नौकरी शुरू की थी।

लॉकर में छुपाकर रखा था एक किलो सोना

सिकदर ने अपनी काली कमाई को संजोने के लिए बैंक लॉकर का इस्तेमाल किया। लॉकर की तलाशी में एक किलो वजन के स्वर्णाभूषण मिले हैं, जिसका बाजार मूल्य ख्8 लाख से अधिक बताया गया है। बैंक लॉकर इलाहाबाद बैंक की राजेंद्र नगर शाखा का है। विशेष निगरानी इकाई के पुलिस महानिरीक्षक रत्न संजय ने बताया कि छापेमारी में सिकदर के ठिकानों से एक लाख, ख्ख् हजार के नए नोट, एक किलो सोने के गहने, बीस से भी अधिक बैंक खाते और राजेंद्र नगर में तीन फ्लैट के कागजात का पता चला है।

पैन कार्ड भी किया इस्तेमाल

सिकदर ने अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए अपनी गृहिणी मां और पत्नी के नाम पर भी पैन कार्ड जारी करा रखा था। सिकदर ने अपनी काली कमाई में अपनी पत्नी द्वारा संचालित बुटिक का जिक्र किया है। इन फ्लैटों की खरीद में दोनों के पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। एसवीयू की टीम ने छापेमारी में एक बैंक लॉकर का भी पता लगाया। साथ ही मौके से बैंक में जमा कराई गई नकद राशि की कुछ रसीदें भी मिली हैं। इससे पता चलता है कि नोटबंदी के बाद सिकदर ने बडे पैमाने पर पांच सौ और हजार के पुराने नोटों को अपने बैंक खातों में जमा कराए हैं। सभी बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है।