PATNA : सूबे की महिलाएं और लड़कियां ज्यादा से ज्यादा सशक्त हो सकें। अपने अधिकार को जान सकें। बराबरी का दर्जा मिल सके। इसके लिए चार साल पहले मगध यूनिवर्सिटी में म् माह का सर्टिफिकेट कोर्स 'क्00 ऑवर' की शुरुआत की गई थी लेकिन आलम यह है कि एमयू के दर्जनों कॉलेजों में यह कोर्स लागू होने के बाद भी पिछले ख् वर्षों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ। ऐसा क्यों हो रहा है इसके पीछे प्रिंसिपल्स के अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन छात्राओं का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है कि क्या है 'क्00 ऑवर'।

ख्0क्ख् में शुरू हुए डिपार्टमेंट ऑफ वीमेन स्टडीज के अंतर्गत सर्टिफिकेट (म् माह), डिप्लोमा (क् साल) और पीजी कोर्स (दो साल) का कोर्स चलाया जाता है। लेकिन पहले और दूसरे साल यानी ख्0क्ख् और ख्0क्फ् में मात्र तीन बैच ही पास आउट हो चुके हैं। जबकि पटना वीमेंस कॉलेज, गवर्नमेंट ग‌र्ल्स कॉलेज, गर्दनीबाग, श्री अरविंद महिला कॉलेज, जेडी वीमेंस कॉलेज सहित तमाम कॉलेज में अब तक एडमिशन नहीं हो सका है।

विभाग ही सुस्त है

श्री अरविंद महिला कॉलेज की एडमिशन इंचार्ज सरिता कुमारी का कहना है कि यहां डिपार्टमेंट है और कोर्स भी है। लेकिन विभाग की सक्रियता नहीं दिखती है। काउंसलिंग जरूरी है। यदि विभाग अपने स्तर पर सक्रिय होगा तो इसके लिए एडमिशन के प्रति छात्राओं में रूचि दिखाएंगी ।

क्यों जरूरी है यह कोर्स

डिपार्टमेंट ऑफ वीमेन स्टडीज की डायरेक्टर प्रो। कुसुम कुमारी ने बताया कि आज के परिदृश्य में यह कोर्स बेहद उपयोगी है। महिलाओं के प्रति हिंसा, कानूनी अधिकार, पितृसत्तात्मक सत्ता, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ दु‌र्व्यवहार जैसे समसामयिक एवं ज्वलंत जैसे विषय शामिल हैं।

रेग्यूलर कोर्स के लिए जद्दोजहद

वर्तमान में सभी कोर्स स्ववित्त पोषित हैं। इसका अर्थ है कि हर कोर्स का संचालन कॉलेज अपने खर्च पर करेगा। राज्य या केन्द्र सरकार कोई सहयोग नहीं करेगी। प्रो। कुसुम का कहना है कि यह रेग्युलर कोर्स के रूप में घोषित किया जाए। यदि ऐसा हो गया तो इन कोर्सेज के संचालन में पैसे की समस्या बाधा नहीं बनेगी। क्योंकि जब से महिलाओं की पीजी तक की पढ़ाई नि: शुल्क कर दी गई है, तब से स्ववित्त पोषित कोर्सेज को चलाना मुश्किल हो गया है। 'क्00 ऑवर' कोर्स में पांच हजार और परीक्षा शुल्क भ्00 रुपए देना होगा छात्राओं को। जबकि रेग्युलर कोर्स की पढ़ाई फ्री है।

बाक्स में

कोर्स फी 'क्00 ऑवर'

पोस्ट गे्रजुएशन- ख्0 हजार रु।

डिप्लोमा- क्0 हजार रु।

सर्टिफिकेट कोर्स - भ् हजार रु।

अब तक फ् बैच पास-आउट हो चुके हैं। इसमें से पांच छात्राओं ने नेट पास किया है। टीचरों ने भी रूचि दिखाई है। लेकिन कोर्स का स्ववित्त पोषित होना बड़ी बाधा है।

डॉ कुसुम, डायरेक्टर वीमेन स्टडी, एमयू

कॉलेजों के लिए अपने स्तर पर फी प्राप्त करना, व्यवस्था तैयार करना आदि कठिन है। ऐसे में बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए कोर्स का लोकप्रिय होना भी जरूरी है।

- सरिता कुमारी, एडमिशन इंचार्ज श्री अरविंद महिला कॉलेज