manish.chandra@inext.co.in

PATNA : बाबूजी धीरे चलनाबड़े धोखे हैं इस राह मेंजी हां राजधानी की सड़कों पर कहीं भी, कभी भी धोखा हो सकता है। लेकिन ये धोखा इंसानों से नहीं बल्कि जानवरों से हो सकता है जो क?जा जमाए बैठे हैं। वैसे मामला नया नहीं है, लेकिन हाल में कोर्ट की तल्ख टिप्पणी से यह मामला फिर गर्म हो उठा है। प्रशासन की तमाम कोशिश को जानवर माफिया धता बताते हुए सड़क पर क?जा जमाए बैठे हैं। अशोक राजपथ, बुद्धा रोड से लेकर वीआईपी इलाका जानवरों की चंगुल में है। और तो और नगर निगम के दफ्तर के ठीक सामने बड़ा सा खटाल सड़क पर ही बना हुआ है। आई नेक्स्ट की इस रिपोर्ट में देखिए पटना की सड़कों पर क्यों है जानवरों का साया।

ख्म् शिकायत, एक भी नहीं सुलझी

दो साल पहले कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम के साथ प्रशासन को जिम्मेदार माना था.बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही। यह हम नहीं अरबन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जानवरों के मामले में कंप्लेन का आंकड़ा बता रहे हैं। इस साल अब तक ख्म् कंप्लेन आए हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है। पिछले वर्ष आधे कंप्लेन रिसॉल्व किए गए । हद तो तब हो गई खटाल माफिया मौर्यालोक जैसे हाईटेक कॉम्प्लेक्स को भी नहीं बख्श रहे हैं। चौंकानेवाली बात यह कि इसी बिल्डिंग में नगर निगम का ऑफिस है। मौर्यालोक के मुख्य द्वार पर आवारा जानवर दिख जाएंगे।

क्998 से कोर्ट लगा रहा फटकार

जानवरों के घूमने पर कोर्ट ने 8 नवंबर को सुनवाई करते हुए निगम की कार्यशैली पर टिप्पणी की। कोर्ट ने इसे किसी गांव का निगम करार देते हुए कहा कि सड़क पर जानवर होने से लोग हॉर्न बजाते हैं जिससे प्रदूषण बढ़ता है। आवासीय इलाकों से खटाल हटाने के लिए कई बार याचिका भी दायर हो चुकी है। अवैध खटाल व आवारा पशु को लेकर हाईकोर्ट ने भ् अगस्त क्998 को पहली बार आदेश पारित किया। फिर ख्000, ख्00भ्, ख्0क्फ् में भी निर्देश दिया। ख्0क्फ् में रामजनम मेहता व अन्य की याचिका में हाईकोर्ट ने क्9 दिसंबर तक खटाल हटाने का निर्देश निगम और जिला प्रशासन को दिया था। फिर क्7 जनवरी ख्0क्ब् तक खाली कराने का निर्देश दिया। लेकिन नतीजा सिफर है।

हमने जानवर पकड़ने के लिए व्यवस्था की है। जल्द ही दो एनिमल कैचर गाड़ी की खरीद होने वाली है। क्भ् दिन के भीतर ये सुविधा शुरू हो जाएगी। दो गाडि़यां शहर भर में घूम-घूम कर आवारा जानवरों को पकड़ेगी। खटाल खत्म करने के लिए अभियान चला रहे हैं। साथ ही सड़क पर जानवर घूमता हुआ पाया गया तो पांच हजार का जुर्माना करते हैं।

-अफजल इमाम, मेयर, पटना

खटाल पर हमने कई बार जुर्माना लगाया है। सड़क पर घूमने वाले जानवरों से निजात पाने के लिए हाईकोर्ट ने दो साल पहले हमारे साथ कई और एजेंसियों की जिम्मेदारी तय की है। निगम के पास इतना मैन पावर नहीं है। इसलिए हमारे साथ बाकी दूसरी एजेंसी को भी आकर इसमें हाथ बंटाना होगा। हमारा प्रयास है कि इस परेशानी के लिए साझा प्रयास करें।

-अभिषेक सिंह, कमिश्नर, पटना नगर निगम