PATNA : कटिहार जिले के कुरसैला में पोस्टेड ब्लॉक एजुकेशन अफसर फुलदेव प्रसाद यादव दो महीने से लापता हैं। इनकी तलाश में फैमिली वाले दर-दर भटक रहे हैं। इनके मोबाइल का लास्ट लोकेशन पटना जिला का मरांची इलाका पाया गया था। लेकिन पुलिस है कि मदद नहीं कर रही है। जबकि मामला मरांची थाने की पुलिस के जिम्मे ही है। शुक्रवार को फुलदेव के फैमिली वाले इस मामले को लेकर एसएसपी मनु महाराज से मिलने आए थे।

दरअसल, मधुबनी जिले के कलुआरी के रहने वाले फुलदेव पहले खगडि़या जिले के बसुआ में बुनियादी विद्यालय के हेड मास्टर थे। ब्लॉक एजुकेशन अफसर के रूप में जुलाई में उनका प्रमोशन हुआ था। पहली पोस्टिंग कुरसैला में हुई थी। भ् जुलाई को वो मधुबनी से खगडि़या के लिए निकले थे। ताकि म् जुलाई को हेडमास्टर का प्रभार दूसरे को वो सौंप सकें। फिर वहां से कुरसैला जाकर बीईओ का चार्ज संभाल सकें।

- म् जुलाई हो हुई थी आखिरी बात

फैमिली वालों ने ही खगडि़या की बस पर उन्हें बैठाया था। म् जुलाई को फुलदेव ने खुद कॉल कर वाइफ से बात की थी। साथ ही बताया था कि वो खगडि़या के एक होटल में ठहरे हैं। इसके बाद उनका मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया, जो आज तक ऑन नहीं हुआ।

- डीजीपी के निर्देश पर दर्ज हुआ था मामला

फैमिली वाले एफआईआर दर्ज कराने के लिए मधुबनी से लेकर खगडि़या तक भाग दौड़ करते रहे, लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिया। फिर डीजीपी पीके ठाकुर से फैमिली वाले मिले। इनके निर्देश पर ख्9 जुलाई को खगडि़या के पसराहा थाना में एफआईआर दर्ज हुआ। मामले की जांच शुरू हुई। सीडीआर के साथ ही मोबाइल टावर लोकेशन को खंगाला गया। जिसमें लास्ट लोकेशन मरांची मिला।

- कहीं ठेकेदार ने तो नहीं ?

जब फैमिली वालों के सामने मरांची का नाम आया तो उनका दिमाग ठनका। दरअसल, बसुआ के बुनियादी विद्यालय को मॉडल स्कूल बनाया जाना था। इसके लिए फ्-ब् करोड़ का टेंडर जारी किया गया था। उस समय हेडमास्टर फुलदेव ही थे। मॉडल स्कूल बनाने का ठेका जिस ठेकेदार को मिला वो मरांची का ही रहने वाला बताया जाता है। फैमिली वाले को शक है कि ठेका के चक्कर में ठेकेदार ने ही उन्हें ठिकाने लगा दिया हो। इस कारण केस को पसराहा थाना से मरांची थाना रेफर कर दिया गया। लेकिन मरांची थाने की पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की है।