गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की मार्निंग तक मीटिंग

शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से भेजे गए पांच मेंबर्स की टीम ने विवाद को सलटाने में अहम भूमिका निभाई। गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार की मार्निंग तक कई चरणों की मीटिंग के बाद मामले में सहमति बन पाई।

साथ बैठे और बनी सहमति

एसजीपीसी के जेनरल सेक्रेटरी सुखदेव सिंह भंवर, सेक्रेटरी सतवीर सिंह, मेंबर निर्मल सिंह, करनैल सिंह व राजेंद्र सिंह मेहता यहां आकर सबसे बात की। इसके बाद हाजीगंज स्थित तख्तश्री कमेटी के मेंबर सरजिंदर सिंह के घर पर सभी एक साथ बैठे और सहमति बन गई। मीटिंग में तख्तश्री कमेटी के पोस्टर होल्डर आरएस गांधी, आरएस जीत, महाराजा सिंह, चरणजीत सिंह, महेंदर सिंह छाबड़ा, मेंबर सरजिंदर सिंह, गुरिंदरपाल सिंह, बाबा सुखविंदर सिंह सुक्खा, बाबा गुरविंदर सिंह, जत्थेदार इकबाल सिंह, उनके बेटे गुरप्रसाद सिंह सहित कुछ संगत भी शामिल थीं।

देशभर में फैल गया था यह मामला

श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव के दिन विशेष पंडाल में तख्तश्री कमेटी के जेनरल सेक्रेटरी चरणजीत सिंह द्वारा ज्ञानी प्रताप सिंह को एडिशनल हेड ग्रंथी घोषित करने व उनकी पगड़ी की रस्म के बाद विवाद हुआ था। मंच पर तलवारबाजी व लाठी चली थी। जत्थेदार इकबाल सिंह की पगड़ी गिरी, तो संगतों ने सिर पर सजाया। इसके बाद चौक थाना में एफआईआर 7/14 दर्ज हुआ था। पंज प्यारों ने हुक्मनामा जारी कर कमेटी को भंग किया व उनका आदेश नहीं मानने का हुक्म स्टाफ को दिया गया। कमेटी की मीटिंग के बाद रिलीज जारी कर जत्थेदार इकबाल सिंह, ग्रंथी गुरदयाल सिंह व गुरप्रसाद सिंह को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया था।

इन मुद्दों पर बनी सहमति

- एडिशनल हेड ग्रंथी ज्ञानी प्रताप सिंह अपने पोस्ट पर बने रहेंगे। आगे से ज्ञानी इकबाल सिंह व ज्ञानी प्रताप सिंह मिलकर पटना तख्त की एक-दूसरे से मिलकर सहयोग करेंगे। जो पज प्यारे हैं, उनकी स्थिति यथावत रहेगी।

- ज्ञानी इकबाल सिंह द्वारा जारी हुक्मनामे को वापस लिया जाएगा।

- गुरप्रसाद सिंह द्वारा चौक थाना दर्ज कांड 7/13 को वापस लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें दोनों पक्ष कोपरेट करेंगे।

- तख्तश्री कमेटी द्वारा 8 जनवरी को जारी सस्पेंशन का आदेश व लेटर वापस लिया जाएगा।

- फ्यूचर में इस तरह का विवाद न हो, इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करेंगे, ताकि तख्तश्री पटना साहिब व सिख पंथ की बदनामी न हो।

गुरु घर की मर्यादा को बरकरार रखनी चाहिए। तख्तश्री कमेटी व संत-महापुरुषों को सिख पंथ की रक्षा व संगतों की भावना की कद्र करनी चाहिए।

गुरदयाल सिंह

संगत, मोकामा

धार्मिक स्थान की कमेटी व संत महापुरुष ही ऐसा आचरण करेंगे, तो सिख पंथ का कैसे भला होगा। आखिर दोनों ओर से लगाए गए आरोप-प्रत्यारोप का क्या होगा?

सरदार राजेंदर सिंह

संगत, हाजीगंज

जब मामला सलटाना ही था, तो इतना हंगामा करने क्या जरूरत थी। देश-विदेश में तख्तश्री पटना साहिब के जत्थेदार, तख्तश्री कमेटी व मंचासीन संतों की छवि पर असर पड़ा है।

चरणजीत सिंह

संगत, हरिमंदिर गली