अप्वाइंटमेंट को कैंसिल किए जाने का फैसला

इसमें मौजूदा तख्तश्री प्रबंधक कमेटी को भंग करने तथा ज्ञानी प्रताप सिंह एडिशनल हेड ग्रंथी की अप्वाइंटमेंट को कैंसिल किए जाने का फैसला लिया गया। यह फैसला गुरु पंथ की पंथक मर्यादा के अनुसार तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की पुरातन मर्यादा को कायम रखने के लिए लिया गया है। साथ ही तख्तश्री कमेटी के जेनरल सेक्रेटरी चरणजीत सिंह को अमृत छकने व पांचों तख्त को भी हुक्मनामा सुनाया गया। यह भी बताया गया कि तख्तश्री पटना साहिब के संविधान के अनुसार बगैर अमृतधारी मेंबर नहीं बन सकता, हालांकि जेनरल सेक्रेटरी ने इसकी कोई परवाह नहीं की, जिसके कारण उनकी मेंबरशिप समाप्त की जाती है।

चली थी लाठियां और तलवारें

भूपिंदर सिंह साधु को धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन से हटाया गया। सभी स्टाफ प्रबंधक कमेटी का आदेश नहीं मानेगा। इस डिसीजन का उल्लंघन करने वाला या किंतु-परंतु करने वाला अगर सिख है तो तनखैया घोषित होगा और सिख नहीं है तो पंथ दोषी होगा। गौरतलब है कि दरबार में लाठियां-तलवार चले थे, जिसमें जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जी, ग्रंथी गुरदयाल सिंह व उनके बेटे गुरप्रसाद पर जानलेवा हमला किया गया। भाई इकबाल सिंह की पगड़ी गिर गयी, जिसे संगतों ने उनके सिर सजाया था। इमरजेंसी मीटिंग में जत्थेदार भाई इकबाल सिंह, हेड ग्रंथी भाई राजिन्दर सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी बलदेव सिंह, ग्रंथी दलीप सिंह व गुरदयाल सिंह शामिल हुए।

Action of suspension taken against culprits    

तख्तश्री हरिमंदिर जी प्रबंधक कमेटी की अरजेंट मीटिंग में तख्तश्री पटना साहिब के जत्थेदार सह हेड ग्रंथी ज्ञानी इकबाल सिंह, ग्रंथी गुरदयाल सिंह व जत्थेदार के बेटे गुरप्रसाद सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इस  बात की इंर्फामेशन कमेटी के जेनरल सेक्रेटरी चरणजीत सिंह व आरएस जीत ने दी। जहां एक तरफ पुलिस इन्हें अरेस्टि करने के लिए खोजती रही, वहीं दूसरी तरफ उन लोगों ने मीटिंग कर के मीडिया से की बात और साथ हीं प्रेस रिलीज भी भेज दिया।  

जांच के लिए तीन लोगों की कमेटी

जारी प्रेस रिलीज में प्रेसिडेंट आरएस गांधी, वाइस प्रेसिडेंट आरएस जीत, महाराजा सिंह, जीएस चरणजीत सिंह व सेक्रेटरी महेंद्र सिंह छाबड़ा के साइन हैं। इसमें कहा गया है कि शिरोमणि कमेटी अकाल तख्त के जत्थेदार को हटा सकती है, तो तख्तश्री कमेटी पटना साहिब के हेड ग्रंथी सह जत्थेदार का अप्वाइंटमेंट व सस्पेंशन क्यों नहीं कर सकती। इस जांच कमेटी में गुरुबख्श सिंह सलूजा, गुरदयाल सिंह व गुरशरण सिंह चावला को एक वीक के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।  

जत्थेदार का पोस्ट बाइलॉज में नहीं

तख्तश्री हरिमंदिर जी प्रबंधक कमेटी के जीएस चरणजीत सिंह ने कहा कि तख्तश्री के बाइलॉज में जत्थेदार का पोस्ट नहीं है। सवाल है कि आखिर ज्ञानी इकबाल सिंह को अगस्त, 2000 में जब दरबार साहिब में जत्थेदार अनाउंस किया गया, तो तब से लेकर अबतक कमेटी के हर लेटर व पोस्टर में उनके नाम के आगे जत्थेदार शब्द रहा हीं है। मगर अब कमेटी का कहना है कि वे जत्थेदार नहीं बल्कि हेड ग्रंथी हैं।

बाबाजी हो गए हैं अंडरग्राउंड

गुरुपर्व के दौरान विशेष पंडाल में हुए हंगामे के मामले में कांड 7/14 दर्ज है। इसमें नेम्ड तख्तश्री कमेटी के प्रेसिडेंट आरएस गांधी, वाइस प्रेसिडेंट आरएस जीत, महाराजा सिंह सोनू, जेनरल सेक्रेटरी चरणजीत सिंह व सेक्रेटरी महेंदर सिंह छाबड़ा के अलावा बाबा कश्मीर सिंह भूरिवाले व एडिशनल हेड ग्रंथी ज्ञानी प्रताप सिंह को नेम्ड किया गया है। कमेटी पदधारी अपने ऑफिस में नहीं पहुंचे, तो दोनों बाबाजी भी अंडरग्राउंड हो गए। चौक थाना के एसएचओ पुष्कर कुमार का कहना है कि नेम्ड को अरेस्ट करने व वीडियो फुटेज देख लोगों को दबोचने के लिए लगातार रेड किया जा रहा है।

जत्थेदार को मिली सिक्योरिटी

तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार भाई इकबाल सिंह को सिक्योरिटी प्रदान की गयी है। एसएसपी मनु महाराज ने दो रिवॉल्वरधारी और एक एके 47 धारी को प्रतिनियुक्त किया गया है। वहीं, घटना के बाद तख्तश्री पटना साहिब व गुरुद्वारा बाललीला में स्टेट रैफ व बिहार पुलिस के जवान एक्टिव दिखे।

कुर्सी के लिए हुआ 'खून-खराबा'