-वोटिंग बूथ की तरह नहीं चलाया गया वैक्सीनेशन अभियान, दुरुस्त नहीं हो पाई सरकारी व्यवस्था

PATNA: बिहार में अब तक लगभग 73 लाख से अधिक लोगों ने वैक्सीन लिया है। इसमें 18 प्लस को छोड़ सभी कैटेगरी के लोग शामिल हैं। बिहार में वैक्सीनेशन 16 जनवरी से प्रारंभ है और यदि इसी गति से यदि वैक्सीनेशन चलता रहा तो कम से कम छह से आठ महीने का समय और लगेगा। कोरोना की सुनामी के बीच लोगों को सुरक्षित रखने का सबसे महत्वपूर्ण अभियान वैक्सीनेशन ही है। इस बात को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले से सभी डॉक्टर्स और एक्सपर्ट बता रहे हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में तेजी लाना चार माह बाद भी बाकी है। कन्सर्न एज ग्रुप को लेकर भी है। अभी भी फ्रंटलाइनरों को वैक्सीन दी जा रही है और अभी इस एज ग्रुप में बड़ी संख्या में लोग बचे हुए हैं। जबकि अब 18 प्लस वालों को भी वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया जाना है।

पटना में लगभग 45 प्रतिशत

पटना में वैक्सीनेशन के लिए लक्ष्य रखे गए लोगों में से लगभग 45 प्रतिशत लोग इसमें शामिल हो चुके हैं। इसकी पुष्टि जिला प्रतिरक्षा पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक ने की। उन्होंने बताया कि यहां लगातार इसे गति देने का प्रयास चल रहा है। जहां शुरूआत में पटना के लगभग 60 सेंटरों पर ही वैक्सीन दिया जा रहा था। वहीं, अब अब साइट सेंटरों यानि जहां वैक्सीन लगाया जा रहा है उसकी संख्या जिले में 180 हो गई है। हालांकि इसे और एक्सटेंड करने की कोई सूचना नहीं है।

इसलिए पिछड़ रहे वैक्सीन में

वैक्सीनेशन की मंद गति को लेकर एक्सपर्ट ने राज्य सरकार को पहले ही चेताया कि इसमें अपेक्षित गति लाने के लिए प्रयास तेज किया जाना चाहिए। लेकिन अभी भी जो सेंटर हैं, वे कहीं न कहीं किसी मेडिकल संस्थान से अटैच हैं या उसी का एक्सटेंशन सेंटर मात्र है। जबकि शुरूआत में ही घोषणा की गई थी कि जैसे चुनाव में बडे़ स्तर पर बूथ बनाकर वोटिंग एक जिला में एक ही दिन में पूरा किया जाता है।

दूसरी लहर में घट गया वैक्सीनेशन

वैक्सीन सेंटरों से मिल रही सूचना हताश करने वाला है। मामला यह है कि जिन लोगों को दूसरी वैक्सीन लेने का समय अप्रैल में रहा, उनमें बहुत कम लोगों ने ही वैक्सीन की डोल ली है। यह सरकरी आंकड़ों में दिख रहा है। एक्सपर्ट मानते हैं कि कोरोना की सुनामी के बाद से ऐसे लोगों में कई संक्रमित हैं या डर में है कि वैक्सीनेशन लेने निकले या नहीं। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी वैक्सीनेशन के आंकड़ों में बताया गया है कि दो मई तक 60 वर्ष से ऊपर वाले लोगों में जहां पहली डोज 31 लाख, चार हजार 44 लोग शामिल रहे, वहीं दूसरी डोज में चार लाख 89 हजार 344 लोगों ने ही दूसरी डोज ली है। यानि लगभग 16 प्रतिशत लोगों ने ही दूसरी डोज ली है। इसी प्रकार, 45 वर्ष से 59 वर्ष के लोगों में पहली डोज 2154864 जबकि दूसरी डोज 225219 लोगों ने ही ली है। इसका अर्थ है कि दूसरी डोज महज 10.45 प्रतिशत लोगों ने ही ली है।

कोरोना संकट से बचने के लिए यह जरूरी है कि जिसका जैसे -जैसे नंबर आता जाए, लोग वैक्सीन लेते जांए। उसे मिस नहीं करे। तभी इसका मजबूती से सामना किया जा सकता है।

-डॉ एसपी विनायक,जिला प्रतिरक्षा पदाधिकारी

वैक्सीनेशन को तेज करने के लिए पूर्व में भी मांग की गई थी। एक बार फिर से यह कहूंगा कि इसके लिए एक बार एज ग्रुप का आंकलन करते हुए इसकी समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

-डॉ अजय कुमार, अध्यक्ष आईएमए बिहार

वैक्सीनेशन की गति बहुत धीमी है। इसलिए जरूरी है कि इसका सेंटर बढ़ाया जाए। जैसे उद्योग जगत के लिए बीआईए, चैम्बर आदि में भी सेंटर बनाया जाए। कॉलेजों में भी इसका सेंटर बनाया जाए।

-रामलाल खेतान, अध्यक्ष बीआईए