- दिसंबर में जारी किया जाएगा कंपार्टमेंटल का रिजल्ट

- पहली बार नए सिस्टम से बिहार बोर्ड का रिजल्ट

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PATNA : बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने सॉफ्टवेयर आधारित सिस्टम से पहली बार कंपार्टमेंटल एग्जाम कंडक्ट कराया है। भविष्य में इसी सिस्टम में परीक्षाएं कराई जाएगी। नए सिस्टम की वजह से परीक्षा के बाद रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया काफी जल्दी पूरी हो जाएगी। बोर्ड के बनाए इवैल्यूएशन सेंटर में कंपार्टमेंटल के अनसर शीट की जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही रिजल्ट जारी किया जा सकता है।

चुटकी में हो जाएगा रिजल्ट प्रोसेसिंग का काम

परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन के समय ही सभी स्टूडेंट्स का डाटा सर्वर पर फीड है। उनके रोल नंबर के साथ रिजल्ट सॉफ्टवेयर में फीड होता जा रहा है। प्रोसेसिंग के लिए सबसे अंत में क्वेश्चन पेपर पर लिखा बार कोड फीड किया जाएगा। इस तरह कॉपी की जांच पूरी होने के साथ ही एक क्लिक में रिजल्ट जारी हो सकेगा।

पहले क्यों लगता था समय

बिहार बोर्ड में पिछले वर्षो में सबकुछ मैन्युअल था। परीक्षा के बाद कॉपी की जांच होती थी जिसका रिजल्ट कॉपी पर ही लिखा जाता था। सेंटर पर ही रिजल्ट को कंपाइल कर उसकी दोबारा जांच की जाती थी। पूरे प्रदेश से रिजल्ट इकट्ठा कर बोर्ड के कार्यालय में हफ्तों तक चलने वाली लंबी प्रक्रिया के बाद इसे एकसाथ किया जाता था। डाटा एंट्री में भी लगभग इतना ही समय लगता था।

अब कैसे होगा काम

इस बार बोर्ड ने सभी अनसर शीट स्कैन कर सर्वर पर डाल दिया है। इसे ऑनलाइन ही इवैल्यूएशन सेंटर पर जांच की जाएगी। जांच कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखने वाली कॉपी में किया जा रहा है। हर एक कॉपी जांचने के साथ ही उस स्टूडेंट का रिजल्ट सेंट्रल सर्वर में फीड होता जा रहा है। एक दूसरे सिस्टम पर सभी कॉपी के बार कोड स्कैन किए जा रहे हैं। सर्वर पर सॉफ्टवेयर द्वारा रिजल्ट साथ-साथ तैयार हो रहा है। कॉपी चेकिंग होने के बाद इस रिजल्ट को डिक्लेयर करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

और नहीं होंगी गलतियां

इस साल के रिजल्ट में गलतियों की आशंका काफी कम है। इसकी वजह स्टूडेंट्स के द्वारा खुद से भरा फॉर्म है। इस फॉर्म में जो डाटा फीड किया गया है यही फाइनल रिजल्ट जारी करते वक्त भी रहेगा। सॉफ्टवेयर ड्रिवेन सिस्टम में ह्यूमन एरर होने की आशंका भी कम हो जाती है। जैसे डाटा एंट्री के समय भी नाम, उम्र, प्राप्तांक आदि में टाइपिंग मिस्टेक नहीं होगी। समान्यत: इवैल्यूएशन के वक्त भी कैलकुलेशन में मिस्टेक की वजह से कुछ जवाबों के मार्क नहीं जुड़ पाते थे। इसबार सभी सवालों के मार्क नहीं जोड़ने पर सिस्टम दूसरा अनसर शीट देखने की इजाजत नहीं देगा।