पटना (ब्यूरो)। सुविधाओं के बड़े-बड़े दावों के साथ सरकार ने बैरिया में नए बस स्टैंड का निर्माण कराया। लेकिन, बस स्टैंड के संचालन के कई दिनों बाद भी यहां मौलिक सुविधाओं का अभाव है। यहां से प्रतिदिन विभिन्न रूटों के लिए 500 से अधिक बसें संचालित होती हैं। ऐसे में वहां मौलिक सुविधाओं की विशेष जरूरत है लेकिन सुविधाओं की कमी की वजह से हर दिन पैसेंजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही हाल शहर के पॉश एरिया में स्थित बांकीपुर बस स्टैंड का है, इन बस स्टैंड्स पर सुविधाओं को पूरा कर ही नहीं पा रही सरकार शहर में नए बस स्टैंड निर्माण करने की योजना बना रही है। इस सूचना से लोग खुशी तो जता रहे हैं, लेकिन साथ ही चिंता भी जता रहे हैं कि जब पुराने स्टैंड पर सुविधा नहीं तो नए में क्या मिलेगा।

बैठने की व्यवस्था नहीं
बैरिया स्थित आईएसबीटी पाटलिपुत्रा बस स्टैंड जहां प्रति दिन डेढ़ से दो लाख लोगों का आवागमन होता है। मगर इस स्टैंड पर यात्री सुविधा के नाम पर मजाक बना हुआ है। एक भारी भरकम बजट से निर्मित इस बस स्टैंड को स्टेट ऑफ आर्ट बताकर यहां पर तमाम सुविधाओं को विकसित करने की बात की गई थी मगर यहां की हकीकत कुछ और ही है। यात्रियों के बैठने के लिए चेयर तो दूर की बात है यात्रियों के लिए जगह तक निर्धारित नहीं हुआ है। बस की जानकारी के लिए भी काफी भटकना पड़ता है।

पेयजल की व्यवस्था नहीं
पाटलिपुत्रा बस स्टैंड जहां यात्रियों की सुविधा को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों के द्वारा अक्सर हाई लेवल मीटिंग होती रहती है। बावजूद इस बस स्टैंड पर यात्रियों को पीने के लिए पानी की तलाश में काफी भटकना पड़ता है। हालांकि प्रशासन की ओर से पीने की पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन उसे तलाशने में ही यात्रियों की गाड़ी छूटने लगती है। मजबूरी में पानी का बोतल खरीद कर पीना पड़ता है। बस के कर्मचारी भी इस व्यवस्था से परेशान हैं।

बिना शेड का प्रतीक्षालय
बस स्टैंड के गेट नंबर एक से एंट्री के पास ही रेलवे स्टेशन की तर्ज पर शेड लगाया गया जा रहा है। कुछ जगह लगा है मगर कई जगह अभी काम बाकी है। इसके कारण बारिश और धूप में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रात में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्रयोग में नहीं है शौचालय
यात्रियों और कर्मचारियों के लिए बनाए गए शौचालय में अधिकांश शौचालय गंदगी से भरा हुआ है। इतना ही नहीं कई शौचालय प्रयोग में भी नहीं हैं। यात्रियों की मानें तो मेंटेनेंस के अभाव में शौचालय खराब हो रहे हैं। सबसे अधिक समस्या बस ड्राइवर और यात्रियों को हो रही है।

सहायता केन्द्र से कर्मी गायब
बैरिया बस स्टैंड पर यात्रियों की समस्या के निदान के लिए एक सहायता बूथ बनाया गया है। जहां यात्री आकर बस की जानकारी ले सकते हैं। इस बूथ का जायजा लेने जब हमारी टीम वहां पहुंची तो सहायता बूथ कर्मी नदारद दिखे। छपरा जाने वाले यात्री अशोक ने बताया कि ये कोई आज की बात नहीं यहां नाम के लिए सहायता बूथ है यहां कर्मी दिखते ही नहीं है।

बांकीपुर स्टैंड का भी हाल खराब
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब शहर के मध्य में स्थित बांकीपुर बस स्टैंड का मुआयना किया तो पीने के पानी के आसपास गंदगी का अंबार दिखा। यात्रियों ने बताया कि गंदगी की वजह से पानी पीने का मन नहीं होता है। कई बार शिकायत भी कर चुके हैं मगर सुनने वाला कोई नहीं।

यूरिनल की नहीं होती सफाई
सरकारी बस स्टैंड बांकीपुर में यात्रियों की सुविधा के लिए यूरिनल बनाए गए हैं। मगर यहां सफाई नहीं होने से ये सुविधा भी दिखावे की ही होकर रह गई है। यात्री इस यूरिनल में अंदर जाने से परहेज करते हैं। दरभंगा जाने वाले यात्री चंदन ने बताया कि यहां की स्थिति को देखकर ऐसा लगा रहा है कि सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है।

बैठने के लिए चेयर नही
बांकीपुर बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में चेयर की व्यवस्था नहीं है। जिस वजह से यात्री दिन भर इधर-उधर भटकते रहते हैं। जो स्पेस हैं वहां अनुबंधित बसों का टिकट काउंटर बना दिया गया है ऐसे में चेयर कहां लगेगा।

पुराने में सुविधा नहीं तो नए का क्या फायदा
शहर के बस स्टैंड में ट्रैफिक लोड कम करने और यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से नया बस स्टैंड बनाने की बात चल रही है। इसको लेकर पब्लिक के बीच भी चर्चा है। इन चर्चाओं में ये बात भी चल रही है कि जब पहले से बने बस स्टैंड पर यात्री सुविधा का अभाव है तो नए बस स्टैंड पर भी वही हाल होगा।

बैरिया बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा समस्या पीने के पानी और शौचालय की है। यहां से बस पकडऩे के पहले पानी के इंतजाम के लिए भटकना पड़ता है।
- विनय बिहारी, यात्री

बांकीपुर बस स्टैंड के यूरिनल में हमेशा गंदगी भरी रहती है। यहां जब भी आता हूं तो यही हाल मिलता है।
- सुरेश कुमार, यात्री

बैरिया बस स्टैंड में यात्री शेड नहीं होने की वजह से बारिश के दिनों में लोग भींगते हैं कई बार हम भी भींग चुके हैं।
-ब्रजेश कुमार, यात्री