- शहर की मुख्य सड़क से लिंक हो रही बेउर की सड़क का हाल

- जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के चलते अक्सर लोग होते हैं चोटिल

PATNA :

शहर के बेउर इलाके की सड़कों को देख कर ऐसा अहसास होता है कि हम किसी पिछड़े गांव में आ गए हैं। लगता है जैसे खेत में पानी के बीच किसी गांव की पगडंडी है। यह बात अटपटी जरूर लगती है लेकिन यथार्थ यही है। बेउर की ये सड़क साल भर पानी में डूबा रहती है। बारिश के दिनों में तो यहां से गुजरना वाहन चालकों को तो छोडि़ए पैदल चलना भी मुश्किल रहता है। स्थानीय लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं मगर सुनने वाला कोई नहीं है। स्थानीय निवासी सरोज, मनोज समेत कई ने बताया कि सड़क पर इतने गढ्डे हो गए हैं कि अक्सर यहां एक्सीडेंट होता रहता है। बावजूद राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

शिकायत मिलने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने मौके पर जाकर मुआयना किया। स्मार्ट सिटी बन रही राजधानी के इस इलाके की स्थिति देखकर काफी हैरत हुई। लोगों ने कहा कि इस इलाके में अगर जाना हो तो एक जोड़ी कपड़े साथ रखना आवश्यक है। यहां की सड़क और जलजमाव की हालत देख उनकी बात सही ही लगी।

कब ध्यान देगी सरकार

बेउर की इस सड़क को देखकर स्थानीय लोग कहते हैं कि काश हम लोगों के उपर भी सरकार का ध्यान जाता और इस नासूर बन रही समस्या से निजात मिलता। यहां के एक स्थानीय कॉलेज के संचालक डॉ। अनिल सुलभ ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए कई बार प्रयास किए गए। फंड सेंक्शन हो गया मगर अनदेखी और लापरवाही के कारण आज तक सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। एक और निवासी मुकेश ने बताया कि चुनाव के समय नेता लोग सड़क निर्माण के नाम पर वोट मांगते हैं तो मन में ये आस जग जाती है कि समस्या का निदान हो जाएगा मगर इलेक्शन खत्म होने के बाद सभी वादे हवा हवाई हो जाते हैं।

- जल निकासी की नहीं है व्यवस्था

बेउर जेल से लेकर इंडियन इंस्टीट्यूट हेल्थ एजुकेशन सेंटर तक जाने के मार्ग पर साल भर पानी लगा रहता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब पड़ताल किया तो पता चला कि इलाके में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। घरों से निकलने वाला पानी सीधे सड़क पर गिरता है। जिस वजह से सड़क टूट-टूट कर काफी धंस गया है। पानी वहीं पर जमा रहता है। पानी जमा होने से गढ्डे का भी पता नहीं चल पाता जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।

- आये दिन होता है एक्सीडेंट

स्थानीय लोगों ने बताया कि टूटे सड़क पर वाहन चलाना तो दूर की बात है पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। जिन लोगों यहां की आइडिया नहीं है वे अक्सर सड़क पर बने गढ्डों की वजह से उसमें गिरकर चोटिल हो जाते हैं। इस तरह की घटना इलाके में आये दिन होती रहती है। मजे कि बात तो ये है कि इस सड़क से 100 मीटर की दूरी पर बेउर जेल भी है जहां पर अक्सर पटना जिला प्रशासन के आला अधिकारी आते रहते हैं। बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।

वर्जन

बेउर के वार्ड नंबर 11 में बनी सड़कों की हालत अत्यंत दयनीय है। यहां वाहन चलना मुश्किल रहता है। कई बार वाहन चलाते लोग एक्सीडेंट कर गए हैं।

- उदय कुमार, स्थानीय निवासी

राज्य सरकार के उदासीन रवैये के चलते यहां की सड़क का हाल बदहाल है। सरकार की ओर से इन सड़कों को निर्माण तो दूर की बात है मरम्मत भी नहीं कराया जाता है।

- सुमन कुमार, स्थानीय निवासी

पार्षद बोले

मोहल्ले में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। इसलिए पानी लगा रहता है। पटना नगर निगम को लिखित तौर पर जानकारी दी गई है। मगर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है। मुख्य सड़क पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत है इसलिए उसका निर्माण कार्य भी वही लोग करेंगे।

-रवि प्रकाश, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर 11