PATNA : बेनामी संपत्ति है तो सावधान हो जाएं क्योंकि सरकार ने डंडा चलाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने पहले से ही योजना बना ली थी। एक नवंबर, ख्0क्म् से प्रभावी इस योजना का दायरा विस्तृत है। इसमें अधिकतम सात साल सश्रम कारावास का प्रावधान है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, बिहार ब्रांच के द्वारा आयोजित सेमिनार में सोमवार को सीए मनोज तिवारी ने बताया कि बेनामी का अर्थ बिना नाम का या नाम रहित होता है। इसमें सभी प्रकार की प्रोपर्टी शामिल है।

क्ब् पन्नों में किया गया बदलाव

नोटिफिकेशन के अंतर्गत बेनामी संपत्ति और बेनामी संपत्ति के ट्रांजेक्शन दोनों को ही परिभाषित किया गया है। खास बात यह है कि यह पहले प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रोपर्टी ट्रांजेक्शन एक्ट क्988 को ही आधार बनाकर किया गया है। लेकिन इसे गजट के रूप में पास नहीं किया गया था। इसमें दो पन्नों का अमेडमेंट पेश किया गया था। तब तक यह नोटिफाइड नहीं था और न ही गजट में था। लेकिन एक नवंबर, ख्0क्म् से यह बेनामी कानून के रूप में अस्तित्व में है। इसमें क्ब् पन्नों का अमेंडमेंट किया गया। पेनाल्टी के रूप में अधिकतम सात साल की सजा के साथ-साथ संपत्ति की ज?ती का भी प्रावधान है।

गलत जानकारी दी तो भी सजा

तिवारी ने बताया कि यदि गलत जानकारी दी तो भी संबंधित व्यक्ति को सजा मिलेगी। पेनाल्टी के तौर पर पांच साल की सजा और कुल प्रोपर्टी के मार्केट वैल्यू का दस परसेंट सरकार वसूलेगी। 'संपत्ति' का अर्थ इसमें बहुत व्यापक है। इसमें चल संपत्ति, अचल संपत्ति, टिकाऊ, गैर टिकाऊ सभी प्रकार की संपत्ति को शामिल किया गया है।

सीए को भी सजा मिल सकती है

इसके नियमों को अमेंडमेंट के बाद बेहद सख्त बनाया गया है। इसके अंतर्गत न केवल प्रोपर्टी को छुपाने वाले या गलत जानकारी देने वाले बल्कि जिस व्यक्ति को संपत्ति ट्रांसफर की जा रही है, उसे भी इस कानून के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा जो इस काम में साझीदार होगा जैसे चार्टड अकाउंटेंट आदि, उसे भी सजा भुगतना पड़ सकता है। हालांकि इसमें संबंधित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का भी मौका मिलेगा। इसके लिए अपीलेट ट्रि?यूनल बनाया गया है। ज्वाइंट कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स या टैक्स रिकवरी ऑफिसर को इसके फंक्शन के अनुसार काम करने की परमिशन होगी।

नहीं आएगा काम

यह बात बिल्कुल सच है क्योंकि टैक्स नियमों के प्रावधानों के हवाले ऐसा ही कानून तैयार किया गया है। इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि ऐसी संपति जिसका कोई कत्र्ता हो वही इसमें अपना योगदान कर सकता है। इसमें बताया गया है कि जो अपने अकाउंट का प्रबंधन स्वयं करता हो। ऐसे में यह संभव नहीं कि बेनामी संपत्ति वाले इस योजना में अपना योगदान करेंगे।

फ्00 प्रतिशत पेनाल्टी

यह भी बताया गया कि इनकम टैक्स असेसमेंट ईयर ख्0क्म्-क्7 के तहत यदि सोर्स के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई तो फ्00 प्रतिशत तक जुर्माना वसूला जा सकता है। सेक्शन म्8, म्9 और पेनाल्टी का प्रावधान सेक्शन ख्70 ए के बारे में बताया गया कि सेक्शन म्9 अघोषित इनवेस्टमेंट से संबंधित है। जबकि ख्70 ए इनकम के अंडर रिपोर्टिग से संबंधित है।

इन मुद्दों पर भी चर्चा

स्टार्ट अप की प्राथमिकताएं क्या-क्या होंगी। इसमें सीए किस प्रकार से अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं। किन हालातों में स्टार्ट अप फेल हो जाते हैं। इस विषय पर दिल्ली से आए सीए फैकल्टी अंजनी कुमार शर्मा ने कहा कि स्टार्ट अप के मामले में यह भले ही शुरुआती दौर है। लेकिन भारत दुनिया में तीसरा सबसे प्रमुख देश है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल काम कर रहे हैं। एनसई के असिस्टेंट मैनेजर दीपन मित्रा के साथ आईसीएआई, पटना ब्रांच के चेयरमैन सीए राजेश कुमार खेतान सहित अन्य उपस्थित थे।