क्कन्ञ्जहृन्: सारण जिले के गंडामन स्कूल में विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी। घटना 2013 की है। इस मामले में निचली अदालत ने प्रधानाध्यापिका मीना देवी को दस वर्ष से अधिक की कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन अब प्रधानाध्यापिका की अपील की सुनवाई दो सदस्यीय खंडपीठ करेगी।

-क्या कहा वकील ने

दरअसल सजायाफ्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन को बताया कि किसी भी अभियुक्त को दस वर्ष से कम सजा सुनाए जाने के खिलाफ एकल पीठ सुनवाई करती है। जिस पर अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की तिथि 17 मई को दो सदस्यीय खंडपीठ में निर्धारित कर दी।

-साक्ष्य के अभाव में पति निर्दोष

मालूम हो कि छपरा की जिला अदालत ने मीना देवी को गैरइरादन हत्या का दोषी मानते हुए गत वर्ष 29 अगस्त को दस साल से अधिक की सजा सुनाई थी। जबकि उसके पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। यह घटना चार साल पुरानी है। 16 जुलाई 2013 को धर्मसती गंडामन स्कूल में विषाक्त मिड डे मील खाने के बाद 23 बच्चे मारे गए थे। मृत बच्चे आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र की शिकायत पर मीना देवी एवं उसके पति पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस बड़ी घटना के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल गठित कर पूरे प्रकरण की जांच कराई थी।