पटना ब्‍यूरो। यह मामला वर्ष 2023 का था। रसीसा गांव औंगारी थाना जिला नालंदा के रहने वाले निर्माण ठेकेदार बुद्धदेव कुमार ने मियांपुर थाना हिलसा के रहने वाले विश्वनाथ प्रसाद सिंह और उनके बेटे अभिषेक कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराई थी। बुद्धदेव का आरोप था कि उनसे घर का निर्माण कार्य कराया गया था। लेकिन निर्धारित पैसा नहीं दिया गया था। पैसे की मांग करने पर उनके साथ मारपीट की गई थी। जातिसूचक शब्द कहे गए थे। बुद्धदेव ने इस मामले की शिकायत एससी-एसटी थाना बिहारशरीफ में दर्ज कराई थी। उसी मामले की जांच दारोगा अरूण पासवान कर रहे थे। जिन्हें विशेष निगरानी इकाई ने गिरफ्तार किया है।

40 हजार में की थी डील


इस मामले की डील आरोपी दारोगा अरूण पासवान ने 40 हजार में की थी। जिसकी पहली किस्त के लिए वह विश्वनाथ सिंह और उनके बेटे को पैसे के साथ थाना पर बुलाया था। वहीं इस मामले की शिकायत विश्वनाथ सिंह ने विशेष निगरानी इकाई से की थी। उन्होंने अपने उपर लगे आरोप को गलत बताते हुए कहा था कि उन्होंने सारे पैसे बुद्धदेव को दे दिए हैं। फिर भी वह और पैसे की मांग कर रहा था। नहीं देने पर उसने फंसाने के लिए एससी-एसटी थाना में केस दर्ज कराई थी। मामले में वह निर्दोष थे। लेकिन केस आईओ अरूण पासवान ने इस मामले में उन्हें राहत देने के ऐवज में 40 हजार रुपये मांगे थे।

नए-नए बने थे केस आईओ


यह मामला 16 नवंबर 2023 की है। जब बुद्धदेव ने केस दर्ज कराया था। शुरू में इस केस के आईओ उत्तम राम को बनाया गया था। लेकिन उनका ट्रांसफर होने के बाद इस केस के आईओ अरूण पासवान को बनाया गया था। आईओ बनते ही दारोगा ने मामले में पैसे की मांग शुरू कर दी थी। जिसकी शिकायत विश्वनाथ प्रसाद ने निगरानी में दर्ज कराई थी। दारोगा से पूछताछ हो रही है। पूछताछ समाप्त होने के बाद आरोपी को विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा।