पटना ब्‍यूरो।

लेकिन अब इस मामले में एक और मास्टर माइंड सामने आया है। जो पेपर लीक के खुलासे के बाद उज्जैन में शरण ले रखी थी। डॉ शिव उर्फ बिट्टू कुमार नीट यूजी पेपर लीक का भी आरोपी रह चुका है। उस पर 2017 में पेपर लीक का आरोप लगा था। जिसके बाद पटना में पत्रकार नगर थाना में मामला दर्ज कराया गया था।

पेपर लीक में लगातार एक्टिव डॉ शिव
सूत्रों के अनुसार डॉ शिव पेपर लीक को लेकर लगातार एक्टिव रहा है। पत्रकार नगर थाना में नीट यूजी पेपर लीक मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना करने के बाद भी पेपर लीक के अपने धंधा को कभी नहीं छोड़ा। पिछले सात साल से वह अपने अंतराज्यीय गिरोह के जरिये अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के मामले में शामिल रहा है। लेकिन कभी पुलिस और जांच एजेंसियों के रडार पर आने से बचते रहा। इस बार भी जब ईओयू को उसके नाम का पता चला तब वह बिहार छोड़ चुका था। उसने उज्जैन में स्थाई तौर पर शरण ले रखी थी।

यूपी सिपाही भर्ती पेपर लीक से भी जुड़े हैं तार

इस गिरोह का इसी वर्ष यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले से भी कनेक्शन है। डॉ शिव का सहयोगी शिवम मंडल जो कि खगौल पटना का रहने वाला है के साथ मिलकर कई राज्यों में होने वाले प्रतियोगिता परीक्षाओं का पेपर लीक कराता था। यूपी पेपर लीक कांड से कनेक्शन स्थापित होने के बाद यूपी पुलिस भी इनलोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है।

फिर आया नालंदा कनेक्शन


मेडिकल में सेटिंग के लिए कभी चर्चित रहा रंजीत डॉन का भी नालंदा कनेक्शन रहा था। वहीं जो पांच आरोपी पकड़े गए हैं उनमें भी चार का संबंध नालंदा से है। यानी यह चारों भी नालंदा के रहने वाले हैं। नालंदा कनेक्शन की वजह से ही पेपर लीक मामले के ज्यादातर जो लाभार्थी हैं वे नालंदा के ही रहने वाले थे। शुरूआती समय में हजारीबाग से गिरफ्तार 268 लोगों में 113 कैंडिडेट नालंदा के ही शामिल रहे थे।

रिमांड पर ले सकती है ईओयू


ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि इस मामले में आगे अगर जरूरत पड़ी तो फिर पूछताछ के लिए इन्हें रिमांड पर लिया जा सकता है।