PATNA : वार्ड नंबर एक में समस्याओं का अंबार है। लोगों की मूलभूत सुविधाओं पर ही काम नहीं हो रहा। पेय जल और जल निकासी से लेकर सार्वजनिक शौचालय भी वार्ड के राजीवनगर में नहीं है। वार्ड स्कैन के बाद जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने राजीवनगर मोहल्ले में जागरुक लोगों के साथ चाय पर चर्चा की तो कई ऐसी समस्याएं सामने आईं जिसपर काम के लिए वादा तो किया गया था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब आपके सामने है वार्ड की परेशानी स्थानीय लोगों की जुबान।

पप्पू मांझी - राजीवनगर में कोई काम नहीं हुआ है। पेयजल और ड्रेनेज सिस्टम पर तो अबतक पहल ही नहीं हुई है। स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक शौचालय को लेकर भी कोई प्लान नहीं था जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

विपिन परासर - अरे! अब क्या बताएं सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से पुरुषों का तो काम चल जाता है लेकिन महिलाओं के लिए बड़ी दुर्दशा होती है। इस पर पार्षद को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि

यहां कई व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स है पर सुविधाएं नहीं है।

मनोज कुमार - शिक्षा स्वास्थ्य और पेय जल के साथ जल निकासी बहुत आवश्यक होता है लेकिन यहां इस पर कोई काम ही नहीं किया गया है।

भरत कुमार सिंह - आप सब तो एकदम सही कह रहे हो लेकिन बरसात का दिन तो याद करो क्या हाल होता है। घर से सड़क पर निकलना मुश्किल हो जाता है।

धर्मेद्र सिंह - राशन किरासन तो मिलता ही नहीं गरीबों के लिए पेंशन के भी लाले पड़ गए हैं। पार्षद जी ने ध्यान दिया होता तो गरीबों को काफी मदद मिलती।

राजू कुमार - फॉगिंग मशीन तो चलती ही नहीं, इससे इतने अधिक मच्छर लगते है कि पूछिए मत। हालत खराब हो जाती है मोहल्ले में रहने वालों की।

मनोज सिंह - इस वार्ड की हालत तो गांव से भी बदतर है। कहने को वार्ड है लेकिन यहां स्थिति गांव से भी बदतर है। राजीवनगर में रहने वाले लोग भी महसूस करते हैं कि वह गांव में रहते हैं।

योगेंद्र कुमार - वार्ड में एक भी सरकारी स्कूल नहीं है और न ही एक भी अस्पताल है। ऐसे में इसके विकास का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

पप्पू मांझी - वार्ड नंबर एक में जल जमाव की हालत देख लोगों के कान खड़े हो जाते हैं लेकिन सरकारी स्तर पर इस दिशा में कभी भी कोई बड़ा प्रयास नहीं किया गया। यही कारण है कि राजीवनगर पटना के बड़े मोहल्ले में शामिल होने के बाद भी गांव से बदतर है।

भरत कुमार - जाने दो भाई अब तो चर्चा करने से कोई फायदा ही नहीं है क्योंकि अब तो नए पार्षद से ही उम्मीद है।

पप्पू मांझी - अरे भाई चर्चा नहीं करोगे तो लोगों को समस्या का एहसास नहीं कराओगे तो कैसे नए लोगों को मौका मिलेगा।

धर्मेद्र सिंह - हमें चाहिए कि अब ऐसे युवा को मौका दिया जाए जो विकास के साथ-साथ लोगों के दर्द को भी अच्छी तरह से समझ सके।

विपिन - हां ये सही बात है भाई, हम सब वोटराें की जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक वोट करें और लोगों को भी जागरुक कर वोट कराएं।