-बूढ़ी गंडक व बागमती लाल निशान पार, गंडक की थमी रफ्तार

MUZAFFARPUR: उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति सामान्य है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि नहीं होने से नए इलाकों में पानी प्रवेश नहीं कर सका है। हालांकि जिन इलाकों में बाढ़ का पानी जमा है, वहां के लोगों की मुश्किलें बरकरार हैं। उनका अभी भी मुख्य सड़कों और गांवों से संपर्क कटा हुआ है। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक व बागमती खतारे के निशान के ऊपर से बह रही है, जबकि गंडक की रफ्तार थमी है। बूढ़ी गंडक अभी 53.48 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर पर है। बागमती का जलस्तर 54.60 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 55.23 मीटर पर चिह्नित है। बुधवार को गंडक 54.05 मीटर पर रही, जबकि खतरे का निशान 54.41 मीटर है।

कई गांवों में नाव ही सहारा

मुजफ्फरपुर शहर में मिठनसराय, विजयी छपरा, सिकंदरपुर कुंडल, बालूघाट, झीलनगर, कर्पूरी नगर, आश्रम घाट, छीट भगवतीपुर इलाके में ज्यादा तबाही है। सिकंदरपुर कुंडल व बालूघाट के निचले इलाके में घर से आने के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं मुक्तापुर-समस्तीपुर रेलखंड के मध्य रेल पुल पर (डाउन लाइन) पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए संरक्षा और यात्री सुरक्षा के मद्देनजर दरभंगा-समस्तीपुर लाइन पर ट्रेन परिचालन में बदलाव किया गया है। इसमें कई के मार्ग परिवíतत किए गए हैं, जबकि कई का आंशिक समापन हुआ है। मधुबनी में धौंस नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.38 मीटर ऊपर है। कमला-बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से 0.25 मीटर ऊपर बह रही है। हालांकि भूतही बलान का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। बुधवार को गंडक बराज से एक लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पूर्वी चंपारण के सुगौली और बंजरिया प्रखंड में बाढ़ का पानी अभी भी जमा है।