- बाजार समिति के इलाकों में भीषण जलभराव

- मंडी में फलों से लदी गाडि़यां भी फंस जाती हैं

- छह से सात हाइवा लगाकर होती है सफाई : निगम

क्कन्ञ्जहृन् : पटना में फल और मांस-मछली की बड़ी मंडी बाजार समिति है। वार्ड 47 के अंतर्गत यह पूरा इलाका पटना के निचले क्षेत्र में आता है और भीषण जलजमाव की स्थिति से यहां पर दैनिक कारोबार और स्थानीय लोगों का आना-जाना दूभर हो गया है। खास तौर पर केला मंडी, संतरा मंडी और मछली मंडी के पास खूब पानी लगा है। इसके अलावा कृषि विभाग के रेफ्रीजरेशन सेंटर और वेयरहाउस के पास भी बारिश का पानी जमा है, लेकिन न तो निगम और न ही स्थानीय प्रशासन ही इसका समुचित समाधान निकाल सकी है। इसका नतीजा है कि यहां पर जबरदस्त जलजमाव है। इस वजह से यहां माल लदे गाडि़यों के पलटने और कीचड़ भरे रास्ते में फंस जाने की समस्या बढ़ गई है।

करीब दस हजार लोग प्रभावित

बाजार समिति का पूरा एरिया कृषि विभाग के अधीन है। यहां करीब दस हजार लोग इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुडे़ हैं। इसमें माल पहुंचाने वाले, थोक, खुदरा व्यापारी शामिल हैं। इसके अलावा इसी इलाके के रिहाइशी लोग भी हैं। सभी इस जलजमाव की स्थायी समस्या झेल रहे हैं।

समिति में आना-जाना मुश्किल

भीषण जलजमाव के बाद से यहां पर फलों से लदे वाहनों का आना-जाना बहुत प्रभावित हुआ है। निकास ठीक से नहीं होने कारण समिति के मेन गेट से ही गाडि़यां आ-जा रही हैं। पीछे संदलपुर के रास्ते से यहां तक आने में बहुत पानी लग रहा है।

प्रोजेक्ट प्रभावित

यहां बाजार समिति में अभी रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के दो प्रोजेक्ट और निगम का एक प्रोजेक्ट चल रहा है। लेकिन यहां मंडी में भीषण जलजमाव के कारण प्राजेक्ट के जुडे़ कर्मचारी काम ही नहीं कर पा रहे हैं।

बस आरोप-प्रत्यारोप, काम नहीं

यहां बाजार समिति में मंडी के संगठित तरीके से काम करने को लेकर पटना फ्रूट एसोसिएशन सक्रिय है। इसके अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद पप्पू का कहना है कि यहां निगम का काम ठीक नहीं है। जलजमाव की भीषण समस्या होने के बावजूद इसकी अनदेखी की जा रही है। वहीं, यहां वार्ड 47 के स्थानीय पार्षद सतीश कुमार का कहना है कि यहां पर समिति बहुत ही अव्यवस्थित है। एक तो जितनी गद्दी है उससे ज्यादा लोग यहां ठेले लगाकर गंदगी करते है। मछली व्यापारी खेक्सा, भूसा, केला व्यापारी केला का थम, पत्ते और अन्य फलों की गाडि़यों से खूब कचरा निकलता है। यदि यह यहां न फेंका जाए तो यहां इतनी गंदगी नहीं होगी।

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सात से आठ हाईवा डेली गंदगी उठाती है। लेकिन यहां पर गंदगी फल की आने वाली गाडि़यों की वजह से होती है। यह किसी एक का विषय नहीं। मिलकर काम करने से ही गंदगी और जलजमाव का निपटारा किया जा सकता है।

- सतीश कुमार, वार्ड पार्षद 47

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समिति की ओर से बार-बार निगम के पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे यहां नियमित रूप से सफाई कराए, लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण ही यह नारकीय स्थिति है।

- शशिकांत प्रसाद पप्पू, अध्यक्ष पटना फ्रूट वेजिटेबल एसोसिएशन

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न तो निगम को मतलब है और न ही स्थानीय प्रशासन को। यही वजह है कि यहां पर स्थिति बद से बदतर है। नियमित सफाई की व्यवस्था को दुरूस्त कर जलनिकासी हो।

- भुट्टो खान, थोक फल विक्रेता

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यहां कई बार फलों से लदे वाहन पलट गए हैं। क्योंकि यहां जलजमाव और दलदल वाले रास्ते से वाहन को निकालने और अंदर ले जाने में बड़ी कठिनाई होती है।

- विवेक कुमार, कर्मचारी बाजार समिति

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