PATNA: बिहार इंटर के रिजल्ट में गड़बड़ी और तकरीबन आठ लाख फेल स्टूडेंट्स की कॉपियों की रिचेकिंग को लेकर छिड़ी बहस अब छात्र आंदोलन को अगले स्तर पर ले जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को इंटर काउंसिल ऑफिस के सामने वामदल के छात्र संगठन ने सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। इसमें एआइएसएफ, आइसा सहित अन्य म् संगठन शामिल हैं। छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षा के प्रति सरकार का उदासीन रवैया का नतीजा है कि बार- बार टॉपर घोटाला और परीक्षाफल के प्रकाशन में गड़बड़ी सामने आ रही है। जब इस मसले को लेकर छात्र आंदोलन करते हैं तो दमन की कार्रवाई की जाती है। यदि छात्रों की आवाज नहीं सुनी जाएगी तो आंदोलन की आग और तेज होगी।

सीएम ने कहा और भूल गए सभी

जानकारी हो कि इंटर के रिजल्ट के प्रकाशन के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि इंटर के रिजल्ट में जिनकी भी शिकायत हो उसे बिना किसी देरी के प्रकाशन किया जाएगा। लेकिन इस मसले पर कोई बात नहीं बन रही है। इस बारे में आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार ने कहा क यह छात्रों के साथ धोखा है।

इस्तीफा दें अध्यक्ष और मंत्री

एआइडीएसओ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि बार - बार टॉपर घोटाला हो रहा है। साथ ही जिन छात्रों ने मन से पढ़ाई की वे भी फेल घोषित कर दिये गए। यह घोर लापरवाही है। लिहाजा, जिम्मेदारी लेते हुए बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

जारी रहेगा आंदोलन

एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि वाम दलों के छात्र संगठन एकजुट हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा तब तक कि मांगें मान नहीं ली जाती है। क्यों छात्र संगठन अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।

समान शिक्षा प्रणाली लागू किया जाए

आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं ज्वाइंट सेक्रेटरी आकाश कश्यप ने समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की बात की। उन्होंने कहा कि जब तक इस बात को सरकार सुनिश्चित नहीं करती है तब तक शिक्षा माफिया से छात्रों को होने वाले नुकसान से नहीं बचाया जा सकता है।

स्क्रूटनी नहीं, रिचेकिंग हो

एसएफआई के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक वर्मा ने कहा कि यह बिहार के लगभग आठ लाख छात्रों के भविष्य का प्रश्न है। बोर्ड की ओर से स्क्रूटनी की जा रही है। लेकिन इतनी अधिक संख्या में स्टूडेंट्स फेल हैं कि स्क्रूटनी नहीं, रीचेकिंग किया जाना चाहिए।