- 16वीं विधानसभा के आखिरी सत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने शायराना अंदाज में संबोधन को समाप्त किया

PATNA: सोलहवीं विधानसभा के आखिरी सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में शायराना अंदाज रखा। उन्होंने शेर पढ़ा-कल न जाने हम में से कौन कहां होगा, फिर भी बीती यादों का सिलसिला होगा, आइए इस लम्हे की दुआ कर लें हम, जानें कल जिंदगी का क्या फैसला होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति करवटें बदलती हैं पर जनतांत्रिक प्रणाली एवं मूल्यों में हम सभी का दृढ़ विश्वास इस सदन की मर्यादा एवं गरिमा को अक्षुण्ण रखता है। मेरे पूरे कार्यकाल में इस उच्च परंपरा को कायम रखने में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों से मिले सहयोग के लिए मैं हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। सभी ने अपने दायित्वों को बखूबी निभाया है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद जिस ढंग से संसदीय मर्यादाओं का निर्वहन किया उससे सदन का मान बढ़ा है। आने वाले समय के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को शुभकामनाएं भी दीं।

ऐसी परिस्थिति में बढ़ जाती हैं चुनौतियां

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सौ साल पहले 1920-21 विधानमंडल का मुख्य भवन बना था। उस समय से लगातार सभा की बैठकें सभा में होती आ रही थी। पहली बार मंडे विधानसभा की बैठक सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के इस ज्ञान भवन में आहूत की गयी। यह अपने आप में विशेष एवं असाधारण परिस्थिति का द्योतक है। बजट सत्र के बीच में ही इसी वर्ष 16 मार्च को कोरोना महामारी को इस महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया था। आज स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है। कई विधायक और मंत्री भी संक्रमित हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में चुनौतियां और भी बढ़ जाती है।