PATNA : क् जनवरी की सुबह पटनाइट्स जब नए साल का जश्न मना रहे थे उसी समय दूसरी तरफ शंटिंग लाइन पर खड़ी ट्रेन का एक स्लीपर कोच धू-धू कर जल रहा था। आग कब और कैसे लगी, ये किसी को पता नही। ये घटना पटना जंक्शन और राजेन्द्र नगर टर्मिनल के बीच लोहानीपुर में काठ का पुल के पास की है। बताया जाता है कि आग कोच के पिछले हिस्से से शुरू हुई। और देखते ही देखते तेजी से फैलने लगी। इस बीच घटना की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को जरूर मिल गई। अफसरों के साथ रेलवे की टीम एक्टिव हो गई और आग पर काबू पाने के लिए टीम और फायर ब्रिगेड की यूनिट मौके पर पहुंची। करीब आधे घंटे से अधिक की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। बताया जाता है कि जिस तरीके से आग लगी थी, थोड़ी सी देर होने पर स्लीपर की पूरी बोगी जलकर खाक हो जाती।

- धनबाद से आई थी कोच

रविवार की सुबह हुई इस घटना ने दानापुर रेल डिवीजन में हड़कंप मचा दिया। स्थिति का जायजा लेने अधिकारियों की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम के अनुसार जिस कोच में आग लगी, उसे शनिवार की रात धनबाद से पटना लाया गया था। स्लीपर के इस कोच को मेंटेनेंस के लिए एक-दो दिनों बाद हरनौत रेल कारखाना भेजा जाना था।

- बड़े नुकसान से बचा रेलवे

खड़ी स्लीपर कोच में जिस तरीके से आग लगी थी और वो जिस तेजी से फैल रही थी उससे रेलवे को बड़ा और भारी नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इस कोच के अगल-बगल और तीन ट्रेनें खड़ी थीं। ऐसे में कुछ देर और होती तो आग की लपटें वहां खड़ी दूसरे कोच को भी अपने लपेटे में ले लेती। लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और घटना टल गई।

- कहीं इनका तो नहीं है हाथ

जिस जगह पर आग लगने की ये घटना हुई है। वहां, अपराधियों और नशेडि़यों का जमावड़ा रहता है। उनकी नजरें शंटिंग लाइन पर खड़ी ट्रेन की रेक पर होती है। जिस कोच की गेट उन्हें खुली मिलती है, उसमें उनका पूरा गु्रप सवार हो जाता है। वहीं पर अपराधिक वारदातों की स्क्रिप्ट तैयार करने के साथ गांजा और सिगरेट का दौर शुरू होता है। संभावना इस बात की है कि कोच में लगी आग के पीछे कहीं इनका तो हाथ नहीं है? हालांकि ये मामला अब जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। हालांकि अफसरों का कहना है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी।