स्वच्छता सर्वे को लेकर निगम कर रहा तैयारी, आप भी निभाएं जिम्मेदारी

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- ऐप पर कंप्लेन और सिटीजन फीडबैक में सुस्त हैं पटनाइट्स

- 35 से 36 हजार लोगों ने ही दिया है फीडबैक

PATNA :

देश के शहरों में कौन सबसे साफ और कौन गंदा के लिए सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय की टीम मार्च में पटना आएगी और फिजिकल वैरिफिकेशन करेगी जिसके बाद शहर को सर्वे की सूची में स्थान मिलेगा। लेकिन उससे पहले पटना नगर निगम और पटनाइट्स को इसके लिए मेहनत करनी होगी। देश के साफ शहर की लिस्ट में पटना को बेहतर पोजीशन दिलाने के लिए एक तरफ जहां नगर निगम अपनी पूरी तैयारी में लगा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ पटनाइट्स स्लो मोशन में चल रहे है। लाखों की आबादी वाले पटना शहर में अब तक लगभग 36 हजार लोगों ने स्वच्छता सर्वे के लिए अपना फीडबैक दिया है। शहर में तमाम तरह की समस्याएं आने के बाद भी निगम के ऐप पर न तो शिकायतें आ रही है ना ही लोग स्वच्छता सर्वे को लेकर शहर के बारे में फीडबैक ही दे रहे है। इसका सीधा सीधा असर शहर की रैकिंग को प्रभावित कर सकता है।

लगातार जा रही रिपोर्ट

पिछले साल नगर निगम न तो खुद को ओडीएफ घोषित कर पाया था, न ही हर महीनें की रिपोर्ट ही अपडेट हुई थी। जबकि इस बार पटना निगम की तरफ से हर महीने की प्रोगे्रस रिपोर्ट शहरी और आवास मंत्रालय को भेजी जा रही है, बल्कि शहर भी ओडीएफ घोषित हो चुका है। ओडीएफ में पटना नगर निगम को 300 अंक मिलेंगे।

तय किए गए चार मापदंड

पिछली बार की तरह इस बार भी सभी निकायों के लिए चार मापदंडों के लिए 6 हजार अंक निर्धारित किए गए हैं। कोविड की वजह से इस बार स्वच्छता सर्वे में अगस्त 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक का महीना शामिल है। सर्वे में सूखा गीला कचरा को अलग करना, उसकी प्रोसेसिंग, रिसाईकिलिंग और लैंडफिल पर निगरानी होगी। इसके साथ ही सिटीजन फीडबैक भी इस बार महत्वपूर्ण है। निगम को दो महीने का अतिरिक्त समय सिटिजन फिडबैक के लिए दिया गया है।

क्या है दावेदारी

6000 अंको के लिए ये किया जा रहा है सर्वे

3500 अंकों के लिए दावेदारी प्रस्तुत कर रहा है नगर निगम

300 अंक दिए जा रहे ओडीएफ प्लस शहर को

3 स्टार सिटी की लिस्ट में भी दावेदारी कर रहा है पटना

600 अंक अतिरिक्त मिलेंगे थ्री स्टार सिटी की लिस्ट में जगह मिलने पर

1800 अंक है सर्टिफिकेशन के लिए अलग अलग कैटेगरी में

900 अंक प्राप्त करने का टारगेट रखा गया है मापदंडो को ससमय पूरा करने पर

600 अंक मिलने पर आम लोगों के फीड बैक पर

450 अंक है आम जन के सहयोग के लिए

350 अंक स्वच्छता ऐप के इस्तेमाल के लिए

40 अंक निर्धारित है। स्वच्छता के लिए प्रयास पर

काम जो पहली बार निगम ने किए

- स्वच्छता सर्वे को लेकर दीवारों की वॉल पेंटिंग की जा रही है।

- स्लम बस्तियों को भी साफ सुथरा बनाया जा रहा है।

- शहर के संस्थानों के बीच भी सबसे साफ हॉस्पिटल, होटल आदि के लिए प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

- बॉलीवुड अभिनेता के रूप में संजय मिश्रा को शहर के लिए पहली बार ब्रांड एम्बेसडर भी चुना गया ।

- शौचलयों की कलर कोडिंग भी की जा रही है।

- रिड्यूस, रियूज, रिसाइकिल की नीति के तहत कबाड़ समझे जाने वाली चीजों को भी खूबसूरत आकार दिया गया है।

काम जो पब्लिक को करने है।

- नगर निगम की सेवा नहीं मिलने या सफाई न होने पर ऐप पर कंप्लेन करें

- निगम को हर महीनें लगभग 2000 कंप्लेन आने चाहिए, लेकिन मात्र 150 ही आती है।

- सूखा और गीला कचरा अलग कर के दें।

- स्वच्छता सर्वे के लिए लाखों की आबादी वाले पटना शहर में अब तक लगभग 35 से 36 हजार लोगों ने ही फीडबैक दिया है।

कैसे दें फीडबैक

- स्वच्छता सर्वे ऐप और नगर निगम के सिटी ऑफ पटना ऐप या बेवसाइट के माध्यम पटनाइट्स अपना फीडबैक दे सकते है।

- नगर निगम के मुख्यालय और अंचल कार्यालय के पास भी स्टाल लगाया गया है जहां आप फीडबैक दे सकते है

- मॉल और पार्क के पास भी स्टाल लगा कर लोगों को फीड बैक देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

-सिटी ऑफ पटना के फेसबुक और ट्वीटर के साथ केन्द्रीय मंत्रालय के टोल फ्री नंबर पर भी शहर का हाल बता सकते है।

खराब होती रही है छवि

-2019 में आए सर्वे में राजधानी का स्थान 318वां था।

-2020 के सर्वे में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में सबसे गंदा शहर माना गया और ये 47वें स्थान पर था।

-2020 में भारत भर में स्वच्छता सर्वे में 4 हजार 372 शहर को शामिल किया गया था और इसमें पटना का स्थान 105वां था।

-पूरे भारत में साफ सफाई के मामले में पटना 105वें स्थान पर था। 6 हजार में 1552 अंक मिले थे।

-सर्विस लेवल पर 1500 में 105, सर्टिफिकेशन में शून्य और डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में 1500 में 600 अंक मिले थे।

8 सवालों का देना है सवाब

1. क्या आप जानते हैं कि आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भाग ले रहा है?

2. क्या आप स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में अपने शहर की रैंक जानते हैं?

3. आप अपने पड़ोस के स्वच्छता स्तर पर 0-10 के पैमाने पर शहर को कितना अंक देना चाहेंगे?

4. 0-10 के पैमाने पर आप अपने शहर को अपने व्यावसायिक व सार्वजनिक क्षेत्रों के स्वच्छता स्तर पर कितने अंक देना चाहेंगे?

5. क्या आपसे हमेशा अपने कचरा का संग्राहक को सूखा और गीला कचरा अलग देने के लिए कहा जाता है?

6. आप अपने शहर के सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय या मूत्रालय के स्वच्छता स्तर पर 0-10 के पैमाने पर अपने शहर को कितना अंक देना चाहेंगे?

7. क्या आप जानते हैं कि आप गूगल पर निकटतम सार्वजनिक शौचालय खोज सकते हैं?

8. क्या आप जानते हैं कि आप स्वच्छता के बारे में अपनी शिकायत करने के लिए स्वच्छता ऐप, स्थानीय ऐप का उपयोग करते है?

क्या कहते हैं पटनाइट्स

मुझे ऐप के बारे में आई नेक्स्ट से जानकारी हुई है। मैने अब तक तो फीडबैक नहीं दिया है पर अब जरूर दूंगी।

सदाफ, उद्यमी

ये हमारी जिम्मेदारी है कि शहर की रैकिंग को सुधारने में हम भी सहयोग करें। मैंने अब तक फीडबैक नहीं दिया है। अब जरूर दूंगी ।

रिमझीम शील, शिक्षिका गंगा देवी महिला कॉलेज

मैं लगातार लोगों को स्वच्छता सर्वे के लिए जागरूक करता हूं। शहर में सफाई की जिम्मेदारी हमारी है लेकिन सभी के सहयोग से ही हमारी रैंकिंग अच्छी होगी।

इंद्रदीप चंद्रवंशी, पार्षद वार्ड - 48

हम लोगों को इसके लिए कहते है कि वह ऐप पर जाकर शिकायतें करें और शहर के सफाई के बारे में फीडबैक भी दें।

आशीष कुमार सिन्हा, पार्षद वार्ड - 38