पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने साबिर अली की सदस्यता को निरस्त करने का फ़ैसला किया है.

रविशंकर ने कहा कि ख़ुद साबिर अली ने पार्टी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया कि जब तक उनके ख़िलाफ़ लग रहे आरोप शांत नहीं हो जाते, उनकी सदस्यता को स्थगित रखा जाए.

पिछले दिनों नक़वी ने साबिर अली को पार्टी शामिल किए जाने का विरोध करते हुए एक ट्वीट में कहा, "आतंकवादी भटकल के दोस्त बीजेपी में शामिल हो चुके हैं...जल्द ही दाऊद भी स्वीकार होगा."

इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी में न सिर्फ़ अंदरूनी बयानबाज़ी हो रही थी बल्कि उसके आलोचक भी उसे घेर रहे थे.

राजनाथ की हिदायत

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजनाथ सिंह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा है कि उन्हें पार्टी के फैसलों के बारे में जो भी कहना है, उसे वो पार्टी के अंदरूनी मंच पर ही कहें.

साबिर अली जेडीयू से राज्यसभा सांसद हैं. उन्हें कथित तौर पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करने के कारण सोमवार को पार्टी से निकाल दिया गया था जिसके बाद वो भाजपा में शामिल हुए.

हाल के दिनों में ये दूसरा मामला है जब भारतीय जनता पार्टी में शामिल किए गए किसी नेता को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा गया है.

इससे पहले कर्नाटक में श्रीराम सेने के नेता प्रमोद मुतालिक को पार्टी में शामिल करने के पांच घंटे के बाद ही निकाल दिया गया था.

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