आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और बीजेपी की किरन बेदी की पोस्टर वॉर अब लीगल फाइट में बदल गयी है. किरन ने अरविंद को लीगल नोटिस भेजा है. इस नोटिस के जरिए किरन ने इस बात पर आब्जेक्शन किया है कि कि ऑटो पर लगाए गए अरविंद बनाम किरन के पोस्टरों में बिना उनकी परमीशन के उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन्हें अवसरवादी भी कहा जा रहा है. उन्होंने केजरीवाल के नॉमिनेशन और नई दिल्ली में घर न होने को लेकर भी इलेक्शन कमीशन से कंप्लेन  की है और उनका नॉमिनेशन रिजेक्ट करने की डिमांड की है. इससे पहले नई दिल्ली से कांग्रेस कैंडीडेट किरण वालिया भी केजरीवाल का नॉमिनेशन रिजेक्ट करने की डिमांड कर चुकी हैं, हालाकि कमीशन ने उनकी डिमांड नहीं मानी थी.

असल में हाल ही में आप ने कुछ ऑटो के पीछे पोस्टर लगाए थे जिनमें बेदी को अवसरवादी बताया गया था. जिस अब उन्होंने बिना परमीशन अपनी पिक्चर के यूज के लिए केजरीवाल को लीगल नोटिस भेज दिया है. हालाकि आप इस नोटिस को सीरियसली नहीं ले रही है, उनका कहना है कि बीजेपी में जाते ही किरण बेदी ने नोटिस देने का ट्रेडीशन सीख लिया है जिस तरह कभी नितिन गडकरी कभी और बीजेपी लीडर नोटिस भेजते रहे हैं वही रिस्पांसिबिलटी बेदी ने उठा ली है. आप का कहना है वैसे भी खुद बीजेपी ही पहले से केजरीवाल की पिक्चर्स का यूज अपने प्रोग्राम्स के दौरान करती रही है तो अब किरण को इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए और इस सच को एक्से्प्ट कर लेना चाहिए कि ऐसे मौकों पर बीजेपी ज्वाइन करना अवसरवादिता ही है.

दूसरी तरफ बीजेपी के फेवर में बराक ओबामा के इंडिया विजिट को कैश कराने में किरण बेदी भी पीछे नहीं हैं और उसका एज ले रही हैं जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है कांग्रेस का कहना है ओबामा इंडिया विजिट के लिए आए थे बीजेपी के प्रमोशन के लिए इसलिए उसको प्रचार के लिए यूज करना एथिकली गलत है. वैसे पोस्टर कैंपेनिंग को लेकर इसी तरह की प्राब्लम अरविंद केजरीवाल और आप को बीजेपी लीडर जगदीश मुखी के साथ भी हो चुकी है.

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