एसी बसों की सौगात पर अधर में बस डिपो

50 नई इलेक्ट्रिक और 150 नई सीएनजी बसें खरीदेगा सिटी ट्रांसपोर्ट

मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट की बैठक में निर्णय, नही बढ़ेगा सिटी बसों का किराया

डिपो को बनने में अभी कम से कम डेढ़ से दो साल का समय लगेगा

कमिश्नर अनीता मेश्राम की अध्यक्षता में सिटी ट्रांसपोर्ट की हुई 15वीं बोर्ड बैठक

Meerut। नवंबर 2019 में शहर में संचालित महानगर बस सेवा की लो फ्लोर, मिनी और कमल बसें अपनी 10 साल की आयु पूरा कर रही हैं। ऐसे में ट्रांसपोर्ट विभाग ने नई बसों के लिए मुख्यालय आवेदन कर दिया। इनमें करीब 50 इलेक्ट्रिक और 150 नई सीएनजी बसों की सौगात शहर को मिल सकती हैं। इन बसों के संचालन के लिए लोहियानगर में पांच एकड़ जमीन भी रोडवेज को दी जा चुकी है जिसमें चार्जिंग स्टेशन भी प्रस्तावित है लेकिन हकीकत यह है कि इस बस डिपो को बनने में अभी कम से कम डेढ़ से दो साल का समय लग जाएगा। जबकि बसों की आयु तीन माह बाद पूरी हो रही है।

आय की हुई वृद्धि

इस संबंध में बुधवार को कमिश्नर अनीता मेश्राम की अध्यक्षता में सिटी ट्रांसपोर्ट की 15वीं बोर्ड बैठक का आयोजन कर प्रमुख जानकारियां दी गई। बोर्ड बैठक में पीपीपी मॉडल पर बस डिपो व कार्यशाला बनाने एमडीए द्वारा लोहियानगर में जगह समेत बस स्टॉपेज, बसों की गति, चलो ऐप और रोडवेज के राजस्व वृद्धि के संबंध में चर्चा की गई। एमडी सिटी ट्रांसपोर्ट ने बताया कि साल 2018-19 में सिटी ट्रांसपोर्ट को 925.13 लाख रुपए की आय वृद्धि हुई है। जो कि पिछले साल से 12.93 लाख रुपए अधिक है। जबकि प्रति बस आय 4034 रुपए है। उन्होंने बताया कि अगले छह माह में 70 प्रतिशत बसों का संचालन बंद हो जाएगा। ऐसे में नई बसों की आवश्यकता है। बैठक में जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी, अपर आयुक्त वित्त अंजू संत, एमडीए वीसी राजेश कुमार पांडेय, आरटीओ डा विजय कुमार आदि मौजूद रहे।

बोर्ड बैठक में हुए निर्णय

चलो एप होगा बेहतर, मिलेगी बसों की रियल टाइम लोकेशन

लोहियानगर में पांच एकड़ जमीन पर बनेगा सीएनजी बस डिपो

इंटेलिजेंस डिलीवरी सिस्टम होगी विकसित

सिटी बसों का नही बढ़ेगा किराया

50 इलेक्ट्रिक और 150 सीएनजी बसों का होगा संचालन

सिटी बसें ना हो ओवरलोड, निर्धारित गति सीमा पर होगा संचालन

चलो ऐप का व्यापार प्रचार प्रसार होगा