एमसीटी ने एनजीटी के आदेशानुसार 10 साल पुरानी डीजल बसों को किया संचालन से बाहर
बसों की किल्लत के चलते फेरे बढ़ाए गए, 280 फेरे की बजाए अब एक दिन में लगते हैं 350 फेरे
एमसीटी ने 37 सिटी बसों का संचालन बंद, जून तक ऐज लिमिट पूरी कर चुकी 128 बसें होंगी बेड़े से बाहर
<एमसीटी ने एनजीटी के आदेशानुसार क्0 साल पुरानी डीजल बसों को किया संचालन से बाहर
बसों की किल्लत के चलते फेरे बढ़ाए गए, ख्80 फेरे की बजाए अब एक दिन में लगते हैं फ्भ्0 फेरे
एमसीटी ने फ्7 सिटी बसों का संचालन बंद, जून तक ऐज लिमिट पूरी कर चुकी क्ख्8 बसें होंगी बेड़े से बाहर
MeerutMeerut। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट (एमसीटी) की बसों से सफर करने वाले दैनिक यात्रियों का सफर इस माह से थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। दरअसल, सिटी ट्रांसपोर्ट ने अपनी क्0 साल पुरानी बसों को संचालन से बाहर करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते गत एक सप्ताह में तीन दर्जन से अधिक सिटी बसें सड़कों से हटाई जा चुकी है और लगातार अपनी आयु पूरी करने वाली बसों का संचालन बंद किया जा रहा है। हालत यह है कि इन बसों के बदले में नई बसों की डिमांड अधर में अटकी हुई है जिससे यात्रियों को बसों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
फ्7 बसें संचालन से बाहर
साल ख्009 में जेएनएनयूआरएम के तहत मेरठ शहर में लो फ्लोर, कमल और मिनी बसों का संचालन शुरू किया था। जिसकी संख्या शुरुआत में क्ख्0 करीब थी, जो अब बढ़कर क्ख्8 पर पहुंच गई है। एनजीटी के नियमानुसार एनसीआर में क्0 साल पुराने डीजल वाहनों का संचालन बैन है। ऐसे में इन सिटी बसों की आयु इस साल पूरी होना शुरू हो गई है, जिसके चलते जनवरी माह से बसों का संचालन बंद करने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। इसके तहत गत एक सप्ताह में फ्7 बसों को सड़क से हटाकर कबाड़ में खड़ा किया जा चुका है।
जून तक संचालन बंद
एनजीटी के आदेशानुसार ख्009 में संचालित क्ख्0 सिटी बसों की आयु इस साल पूरी हो रही है। जिसके चलते जून तक सभी क्ख्0 बसों का संचालन बंद होना है। ऐसे में जनवरी में भ्0 से अधिक बसें बंद हो जाएगी। इसके बाद फरवरी और मार्च में लगातार बसों की आयु पूरी होने के बाद उनका संचालन रोक दिया जाएगा।
बसों के बढ़ाए फेरे
मेरठ सिटी ट्रासंपोर्ट की ओर से शहर और देहात रूटों पर इन बसों का संचालन किया जाता है। मगर बसों की संख्या कम होने के कारण कई रूटों पर बसों की किल्लत बढ़ गई है। दरअसल, प्राथमिक तौर पर देहात रूटों से बसों को हटाया जा रहा है। बस कम होने से पहले रोजाना सिटी बसों के करीब ख्80 राउंड एक दिन में लगते थे। जो अब बढ़कर फ्भ्0 से अधिक हो गए हैं। ऐसे में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट की तरफ से बसों का अतिरिक्त संचालन कर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
खुले मैदान में कंडम बसें
मेरठ सिटी ट्रासंपोर्ट ने इस बसों को सड़क से हटाकर खड़ा करने के लिए नौचंदी मेले की पार्किंग स्थल को किराए पर लिया है। सिटी बस डिपो में जगह की कमी के कारण बसों को खुले मैदान में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के खड़ा कर दिया गया है। ऐसे में बसों के पार्ट्स से लेकर उनके इंजन का सामान चोरी होने की संभावना बढ़ गई है।
जिन बसों की आयु पूरी हो गई उनका संचालन रोक दिया गया है। जब तक नई बसें नहीं मिलेंगी तब तक बसों का अतिरिक्त संचालन कर व्यवस्था बनाई जाएगी। जहां पुरानी बस खड़ी की गई है वहां सिक्योरिटी गार्ड भी रखा गया है।
विजय कुमार, एमडी, सिटी ट्रासंपोर्ट