गोल्ड खरीदते समय उसकी प्रतिशतता जांच में बरतें सावधानी

गोल्ड की शुद्धता के लिए प्रतिशतता का कोड है जरूरी

Meerut। अक्षय तृतीया पर गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी शुभ मानी जाती है। इस दिन ज्वैलरी खरीद पर कई आकर्षक ऑफर्स की भरमार रहती है, लेकिन इन ऑफर्स के बीच गोल्ड ज्वैलरी खरीद में जरा सावधानी बरतना भी बेहद आवश्यक है। कहीं ऐसा ना हो कि गोल्ड खरीद के नाम पर आप ठगी के शिकार हो जाए।

हॉलमार्क की पहचान

गोल्ड ज्वैलरी खरीदते समय ग्राहकों के लिए सबसे जरूरी है हॉलमार्क की पहचान। यह गोल्ड की शुद्धता को दर्शाता है। यदि गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क नहीं है तो उस गोल्ड में मिलावट होती है। हॉलमार्क को बीआईएस द्वारा सर्टिफिाइड किया जाता है। इस मार्क में गोल्ड होलसेलर से लेकर विक्रेता तक की जानकारी एक कोड में फीड होती है। बिना हालमार्क ज्वैलरी को बेचना कानूनी अपराध भी है।

कोड में छुपी जानकारी

गोल्ड ज्वैलरी को 75 प्रतिशत (18 कैरेट), 83 प्रतिशत (23 कैरेट), 91 प्रतिशत (22 कैरेट) और 99 प्रतिशत (24 कैरेट) के साथ बेचा जाता है। अधिकतर ब्रांडेड ज्वैलरी 75 प्रतिशतता के साथ बेची जाती है। इसमें डायमंड और स्टोन वर्क वाली ज्वैलरी शामिल होती है। इससे 91 प्रतिशतता की गोल्ड ज्वैलरी सबसे ज्यादा बेची जाती है। आप जो भी ज्वैलरी खरीदें उस पर लिखे हॉलमार्क में गोल्ड की शुद्धता की प्रतिशतता दर्ज होती है।

गोल्ड की खनक

गोल्ड की शुद्धता की पहचान का सबसे पुराना और देशी तरीका है उसकी आवाज। शुद्ध गोल्ड को आप पत्थर, कांच, सीमेंट या किसी भी चीज से बनी सख्त जगह पर गिराएंगे तो खनक की आवाज आएगी। यह आवाज किसी अन्य धातु में नहीं आती है।

गोल्ड खरीद से पहले केवल हॉलमार्क को देखना जरूरी है। यह एकमात्र ऐसा मार्क है, जो गोल्ड की शुद्धता की पहचान है। इस कोड में पांच प्रकार की जानकारियां होती हैं, जिसमें होल सेलर, दुकानदार और शुद्धता शामिल होती है।

कृष्णा वर्मा, न्यू कृष्णा ज्वैलर्स

गोल्ड के रंग और आवाज की शुद्धता से ही उसकी बेसिक पहचान हो सकती है। नकली गोल्ड घिसने के बाद काला हो जाता है, जबकि शुद्ध गोल्ड कितना भी रगड़ लें चमकेगा ही। इससे अलग हॉलमार्क प्रमुख पहचान है।

मोहित गर्ग, गर्ग ज्वैलर्स

अधिकतर ज्वैलरी के साथ हॉलमार्क सर्टिफिकेट मिलता है लेकिन वही मार्क निकली ज्वैलरी पर हो सकता है। खरीदारी से पहले इसकी जांच जरूर कर लें।

अभिषेक वर्मा, कृष्णा ज्वैलर्स