लखनऊ (एएनआई)। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ निर्धारित विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने राज्य भर से 62 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं तीन हजार के करीब अन्य लोगों से प्रदर्शनों और रैलियों में भाग नहीं लेने का आग्रह किया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। एएनआई से बात करते हुए ओपी सिंह ने कहा, 'हमने पूरे राज्य से 62 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मेरठ, अलीगढ़, मऊ, वाराणसी, प्रयागराज और अलीगढ़ जैसे स्थानों से शामिल हैं। मेरठ से गिरफ्तार तीन लोगों को भड़काऊ पर्चे बांटने के लिए गिरफ्तार किया गया है।'

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भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात

सिंह ने आगे कहा, 'हमने लगभग 3,000 लोगों को नोटिस भेजे हैं, उनसे अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह के विरोध, प्रदर्शन और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहें।' सिंह ने कहा कि राज्य में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, 'विभिन्न संगठनों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक आंदोलन के कार्यक्रमों का आह्वान किया था। यह देखते हुए कि पूरे राज्य में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई है, इसलिए चार से अधिक लोगों की किसी भी सभा की अनुमति नहीं है। हम लोगों से आग्रह किया है कि वे विरोध प्रदर्शन में भाग ना लें।'

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सोशल मीडिया पर अफवाह फैसले के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार

सिंह ने कहा, 'हमने पुलिस की अतिरिक्त बटालियन, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को भी तैनात किया है और पूरे राज्य में गश्त करने वाले वाहनों की आवृत्ति में वृद्धि की है। इस बीच, लखनऊ में शहर की पुलिस टीम ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के मार्गदर्शन में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपियों, फवाद, सदन अली और अली मुल्ला खान को शहर के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है और जेल भेज दिया गया है।

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