जताई नाराजगी

ओवर लोडिंग वाहनों का खूब बोलबाला है। नियमों की खूब धज्जियां उड़ रही है। सरकार ने खुली छूट दे रखी है कि जो भी ओवर लोडिंग वाहन दिखे उसका न केवल चालान किया जाए बल्कि सीधा मुकदमा दर्ज कराया जाए। कमिश्नर ने बताया कि पूरे प्रदेश में ओवर लोडिंग वाहन चलाने वालों के खिलाफ मुकदमा कायम हो रहा है, लेकिन मेरठ में मुकदमें की संख्या न के बराबर है।

परमिट पर सुविधा शुल्क

गाड़ी का परमिट जारी करने के नाम पर मांगे जाने वाले सुविधा शुल्क की शिकायत वाहन चालक संजय ने की तो वे आग बबूला हो गए। संजय ने कहा कि 2500 परमिट के नाम पर कर्मचारी और अधिकारी मांगते हैं। नहीं देने पर परमिट न बनाने की बात कहते हैं। इस पर आरटीओ का जवाब तलब किया तो आरटीओ ने अपनी डायरी में संजय की शिकायत दर्ज कर निस्तारण करने की बात कही।

दागी कर्मचारियों को हटाओ

आरटीओ में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जो भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त रह चुके हैं। इसके बावजूद वे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। इन सभी को महत्वपूर्ण पद न देने के लिए शासन से भी आर्डर है, लेकिन सभी कर्मचारी सांठ-गांठ के चलते मलाईदार सीटों पर विराजमान हैं। सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से पदों से हटाने के लिए आरटीओ को कमिश्नर ने आदेश दिया।

कैसे हो कार्रवाई

लगातार रोडवेज को नुकसान पहुंचा रहे डग्गामार वाहन पर भला कार्रवाई कैसे हो सकती है। सरकार इस मामले को बड़ी गंभीरता से लेती हो लेकिन कमिश्नर साहब ने एक नया खुलासा करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश से 15 हजार डग्गामार वाहनों की सूची बनाई गई है। जब इन नंबरों की डग्गामार वाहनों के नंबरों की जांच की गई तो उसमें ये नंबर स्कूटी, मोपेड और बाइकों के भी मिले। यहां तक कि एक नंबर लिस्ट में एक नंबर कई बार देखे गए भला ऐसे कैसे कार्रवाई की जा सक