-ठेकेदार से कैश लेते हुए सीबीआई ने पकड़ा था रंगे हाथ

-डीआरएम ऑफिस में तैनात रेल अधिकारियों में छाया खौफ

-कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से करता रहा इनकार

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PRAYAGRAJ: रेलवे में चढ़ावा-चढ़ाए बगैर ठेकेदारों को कोई काम नहीं मिलता है. अधिकारियों व कर्मचारियों को रिश्वत देकर सेट करना पड़ता है. अभी तक इस तरह के आरोप हवा-हवाई ही कहे जाते थे. लेकिन शनिवार को एक कांट्रैक्टर से रिश्वत लेते हुए डीआरएम ऑफिस में तैनात सीनियर डीएसटीई सिग्नलिंग नीरज पुरी गोस्वामी और डीएसटीई ईस्ट पीके सिंह को सीबीआई द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया. इसके बाद साबित हो गया कि डीआरएम ऑफिस में भी रिश्वत चलती है. रिश्वत लेते हुए पकडे़ गए अधिकारियों से पूरी रात पूछताछ के बाद सीबीआई टीम रविवार की भोर उन्हें गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई.

खौफ में अन्य अधिकारी व कर्मचारी

रिश्वत लेने के आरोप में दो रेल अधिकारियों की गिरफ्तारी और सीबीआई की छापेमारी से डीआरएम ऑफिस में तैनात अन्य अधिकारी और कर्मचारी खौफ में हैं. वजह, कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी सीबीआई के निशाने पर हैं. इनके नाम की जानकारी कांट्रैक्टर द्वारा सीबीआई को दी गई है. रविवार को डीआरएम ऑफिस में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी ने भी कॉल रिसीव नहीं की.

कांट्रैक्टर से मांगे गए थे दस लाख रुपए

सिग्नलिंग व दूरसंचार विभाग में तैनात सीनियर डीएसटीई नीरज पुरी गोस्वामी और डीएसटीई पीके सिंह ने एक कांट्रैक्टर से काम दिलाने के बदले 10 लाख रुपए की मांग की गई थी. इसकी शिकायत कांट्रैक्टर ने सीबीआई लखनऊ की टीम से की थी. सीबीआई से कार्रवाई की सहमति के बाद शनिवार को कांट्रैक्टर ने दोनों अधिकारियों को कैश लेने के लिए बुलाया. वहीं रिश्वत लेते समय सीबीआई टीम ने दोनों अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद टीम दोनों अधिकारियों को डीआरएम ऑफिस ले गई. यहां उनके कार्यालय में पूछताछ के साथ ही कागजातों की जांच हुई. पूरी रात छानबीन चलती रही. वहीं रविवार की भोर में सीबीआई टीम दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई.

कौन कहता है ई-टेंडर में खेल नहीं होता

टेंडर में खेल न हो सके, अधिकारी-कर्मचारी मनमानी न कर सकें, इसलिए अब ई-टेंडरिंग प्रक्रिया रेलवे के साथ ही अन्य विभागों में भी अपनाई जा रही है. लेकिन रेलवे में तो ई-टेंडरिंग में भी खेल होता है.

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आरपीएफ इंस्पेक्टर के घर भी पड़ी थी सीबीआई की रेड

पिछले साल अगस्त महीने में आरपीएफ के चर्चित इंस्पेक्टर संजय पांडेय व एक कांस्टेबल के घर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी. इंस्पेक्टर की निशानदेही पर सीबीआई टीम ने भारी मात्रा में कैश और महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए थे. एनसीआर हेडक्वार्टर में तैनात इंस्पेक्टर संजय पांडेय पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था. जिसकी जांच के लिए सीबीआई ने छापा मारा था.

वर्जन-

रेलवे किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ है. सीबीआई द्वारा की जा रही कार्रवाई के लिए रेलवे अधिकारी स्वयं जिम्मेदार हैं. सीबीआई के साथ कार्रवाई में रेलवे द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई हो सकती है.

गौरव कृष्ण बंसल

सीपीआरओ