पोरोशेंको को "चॉकलेट किंग" कहा जाता है, एक्ज़िट पोल के मुताबिक उन्हें पहले राउंड में 55% से ज़्यादा वोट मिले हैं.

राष्ट्रपति पद के लिए 18 नेता उम्मीदवार थे, इन चुनावों को यूक्रेन की एकता के लिए अहम माना जा रहा है.

एक्ज़िट पोल के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री यूलिया टाइमेशेंको दूसरे नंबर पर रहेंगी.

अगर वास्तविक नतीजे एक्ज़िट पोल की तरह ही रहते हैं तो अगले महीने एक और चुनाव की ज़रूरत नहीं रहेगी.

48 साल के पोरोशेंको ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा है कि वो यूरोपीय संघ के साथ मज़बूत संबंध बनाएंगे और पूर्वी यूक्रेन में शांति स्थापित करेंगे.

पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष

पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों ने मतदान में व्यवधान डाला. हाल के कुछ दिनों में वहां संघर्ष में करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है.

दोनेत्स्क शहर में किसी मतदान केंद्र पर मतदान नहीं हुआ और पूरे क्षेत्र में 12 में से सिर्फ़ सात ज़िला निर्वाचन आयोग काम कर रहे थे. दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्र के बड़े इलाके पर अलगाववादियों का नियंत्रण है.

यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि बाकी देश में मतदान का प्रतिशत ज़्यादा रहा.

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कीएफ़ में अपने समर्थकों से बातचीत करते हुए पोरोशेंको ने कहा कि वो इस साल के अंत में संसदीय चुनाव का समर्थन करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वो "क्राईमिया पर रूस के कब्ज़े" को कभी मान्यता नहीं देंगे, रूस ने क्राईमिया को मार्च में अपने नियंत्रण में ले लिया था.

रूस से संबंधों को लेकर पोरोशेंको ने कहा कि उनके लिए "यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता" सबसे ज़्यादा मायने रखती है.

पोरोशेंको रोशेन चॉकलेट्स ग्रुप के मालिक के अलावा कई फ़ैक्टरियों और एक टीवी स्टेशन के मालिक हैं.

यूक्रेन में फ़रवरी में प्रदर्शनों के बाद रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को पद से हटा दिया गया था.

शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कहा कि वो चुनाव परिणामों का सम्मान करेंगे और जो भी राष्ट्रपति चुना जाएगा उसके साथ मिलकर काम करेंगे.

यूक्रेन और पश्चिमी देश रूस पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि वो अलगाववादी भावनाओं को भड़का रहा है, हालांकि पुतिन इस आरोप से इनकार करते हैं.

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