-सीएम ने हेल्थ डिपार्टमेंट की 1029 करोड़ की 182 योजनाओं का किया शिलान्यास-उद्घाटन

PATNA: स्थितियां काफी बदल गई हैं, अब 60 परसेंट माताएं प्रसव के लिए हॉस्पिटलों में जाने लगी हैं। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चला रही है। बिहार में प्रजनन दर को नीचे लाने के लिए शिक्षा पर काम जरूरी है। सरकार हर पंचायत में हायर सेकेंडरी स्कूल खोल रही है ताकि बच्चियां ज्यादा पढ़-लिख सकें। सीएम ने कहा जनसंख्या पर नियंत्रण शिक्षा से ही पाया जा सकता है।

हॉस्पिटलों में हो उपकरण

सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रदेश के बड़े सरकारी

हॉस्पिटलों में पेशेंट्स की जांच के लिए सभी प्रकार के उपकरणों की

व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पेशेंट्स को इलाज के लिए इधर-उधर दूसरी जगह न जाना पड़े। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सिर्फ बड़े भवन बनाने से जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती। सीएम गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की 1029 करोड़ रुपए की 182 परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास के मौके पर बोल रहे थे।

2020 तक कालाजार से मुक्ति

उन्होंने मीडिया से कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक अभियानों पर भी काम करे क्योंकि बिहार का गौरवशाली इतिहास जागरूकता फैलाकर दोबारा प्राप्त किया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत स्वास्थ्य के प्रधान सचिव संजय कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन बीएमआइसीएल के संजय सिंह ने किया। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 2020 तक प्रदेश को कालाजार मुक्त राज्य बना दिया जाएगा। 2025 तक टीबी उन्मूलन का भी लक्ष्य है। ज्यादातर बीमारियों की वजह कुपोषण है। दुनिया के 80 फीसद कालाजारी मरीज देश में पाए जाते हैं इनमें 80 फीसद बिहार में हैं। इससे मुक्ति के लिए लगातार काम हो रहा है।