पिता हैं मोची

14 साल की एक लड़की सयाली माहिशुने ने तमाम अभावों के बावजूद वो कर दिखाया है जिसके लिए अदम्य साहस और कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है। सयाली के पिता मंगेश माहिशुने मोची हैं और दूसरों के जूते सिलते हैं। दिन-रात मेहनत कर दो जून की रोटी कमाने वाले मंगेश अपनी बेटी के लिए जूते खरीदने में असमर्थ थे ऐसे में जब उनकी बेटी रनिंग ट्रैक पर दौड़ लगाने की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गई तो उसके पैरों में जूते नहीं थे। वह नंगे पैर दौड़ी और गोल्ड मेडल जीतकर लाई।

मोची की लड़की ने नंगे पैर दौड़कर जीता गोल्‍ड

वह दर्द अभी भी है ताजा

आपको बताते चलें कि सयाली ने कुछ सालों पहले अंडर-17 की 3 हजार मीटर दौड़ स्पर्धा में हिस्सा लिया था और गोल्ड मेडल जीतकर लाई थी। इस प्रतिभावान बेटी को इंटर स्कूल एथलीट प्रतियोगिता आज भी याद है। वह रनिंग ट्रैक पर नंगे पैर दौड़ रही थी। बिना जूतों पहने दौड़ने से उसके पैर तो जले और दर्द भी हुआ लेकिन सयाली ने भागना बंद नहीं किया। पिता मंगेश जोकि दादर में सड़क किनारे बैठकर जूते सिलते हैं वह बेटी की कामयाबी देखकर काफी खुश हुए। मंगेश का कहना है कि, उनकी कमाई इतनी नहीं है कि वो अपनी बेटी की हर जरूरत पूरी कर सके। महीने में जितना पैसा आता है वह बेटी की पढ़ाई में खर्च हो जाता है।

अब बन गई ब्रांड एंबेसडर

सयाली के इस जूनून और उत्साह को देखते हुए उसे अजय देवगन के साथ ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। यह प्रतियोगिता 25 मई से शुरु होगी जिसका नाम 'अब दौड़ेगा हिंदुस्तान' रखा गया है। यह एक ऐसी पहल है जिससे देश के उन तमाम टैलेंटेड एथलीट्स को मौका मिलेगा। जो अभावों के कारण आगे बढ़ नहीं पाते। सयाली भी एक ऐसे ही घर की है ऐसे में जब वह इस पहल से जुडी तो उसे अपने जैसे उन तमाम लोगों की परेशानी याद आई जो उसे खुद झेली है। वह कहती है कि, अब दौड़ेगा हिंदुस्तान जैसी पहल में शामिल होना गर्व की बात है। यह देश के तमाम महत्वाकांक्षी एथलीटों का सपना पूरा करेगा।

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