- शहर की महिला रोग विशेषज्ञ ने की एक-दो फ्री ओपीडी

- जानकारी के अभाव में मरीज भी नहीं पहुंचे डॉक्टर्स के पास

Meerut: कनफ्यूजन के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन मरीजों को फ्री देखने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी। शहर की महिला प्रसूता विशेषज्ञ डॉक्टर महज एक से दो मरीज ही फ्री देख सके। साथ ही जानकारी के अभाव में मरीज भी डॉक्टर्स के क्लीनिक तक नहीं पहुंचे। लेकिन इसके बावजूद महिला डॉक्टर्स ने करीब एक लाख रुपए की फीस छोड़ने का दावा किया है।

क्या है कनफ्यूजन

-अभी यह नहीं मिली है किसी तरह की गाइड लाइन

-डॉक्टर्स को नहीं पता कि उन्हें सिर्फ ओपीडी करनी है या उपचार भी।

- अभी तय नहीं हो सका है मरीजों की गरीबी का लेवल।

- क्या बीपीएल कार्ड देखकर मरीज का उपचार करना है।

- या बताने पर ही उसे गरीब मान लिया जाएगा।

जानकारी का अभाव

-अभी तक चंद लोगों को ही पता है कि प्रत्येक माह 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को फ्री उपचार मिलेगा।

-गांव-देहात में मीडिया से दूर रहने वाली महिलाओं को इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

क्या है समाधान

डॉक्टरों मानते हैं कि प्रचार-प्रसार करना पड़ेगा। उसके बाद ही गरीब मरीज उपचार के लिए शहर आएंगे।

फैक्ट्स एंड फिगर

शहर में महिला रोग विशेषज्ञ : 175

ओपीडी की औसत फीस: 300 रुपए

एक डॉक्टर ने फ्री देखे मरीज : 2

- गुरुवार को छोड़ी फीस: 1,05,000 रुपए

पूरी गाइड लाइन मिलने के बाद उन्हे पता रहेगा कि कहां तक काम करना है। अभी सब लोगों सुविधा के बारे में जानकारी भी नहीं है। धीरे-धीरे मरीज बढ़ जाएंगे।

-डॉ। अनुपमा सिरोही, महिला रोग विशेषज्ञ

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