उन्होंने मीडिया से कहा, "अगर चुनाव के बाद कांग्रेस को मदद की ज़रूरत होगी तो डीएमके उसे माफ़ कर देगी और उसका समर्थन करेगी."

करुणानिधि ने कहा, "हालांकि कांग्रेस भरोसेमंद नहीं है, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए उसे माफ़ कर देंगे."

करुणानिधि ने मंगलवार को ही अपने बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री एमके अलागिरी को पार्टी से निकाला है. अलागिरी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.

तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख करुणानिधि ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद वो कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार में शामिल होना चाहेंगे.

करुणानिधि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में शामिल थे, हालांकि 2013 में उन्होंने यूपीए से अपनी पार्टी को ये कहते हुए अलग कर लिया था कि केंद्र सरकार श्रीलंका में तमिलों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है.

कांग्रेस और डीएमके ने 2009 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था और उनके गठबंधन को राज्य की 39 सीटों में 26 सीट पर जीत मिली थी.

हालांकि इस बार दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.

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