Last year तो इंग्लिश और हिंदी दोनों में questions थे
सिर्फ इंग्लिश में क्वेश्चंस पूछे जाने और दूसरी गलतियों के बारे में आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने केयू के वीसी से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर पिछले सालों में इंग्लिश-हिंदी दोनों में क्वेश्चंस पूछे गए होंगे तो इसकी जांच की जाएगी और स्टूडेंट्स के फेवर में डिसीजन लिया जाएगा। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ सुमिता मुखर्जी के यह कहने कि इंग्लिश क्वेश्चन पूछे गए तो यह गुनाह नहीं है और वीसी द्वारा यह कहने पर कि अगर पिछले सालों में इंग्लिश और हिंदी दोनों में क्वेश्चंस पूछे गए होंगे तो इस बार के एग्जाम पर फैक्ट्स फाइंडिंग कमिटी बनाई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आए। हमने इन बातों के सामने आने के बाद उन स्टूडेंट्स से बात की जिन्होंने लास्ट इयर इंट्रेंस एग्जाम दिया था और इस बार एग्जाम दे रही हैं। मानगो की रहने वाली माला ने कहा कि लास्ट इयर इंग्लिश और हिंदी दोनों में ही क्वेश्चंस पूछे गए थे। माला ने कहा कि न्यूज पेपर में जब उन्होंने पढ़ा कि इस बार सिर्फ इंग्लिश में ही क्वेश्चंस पूछे गए थे तो उन्हें काफी दुख हुआ। माला की बातों से गोलमुरी की रहने वाली और इस बार वीमेंस कॉलेज से लास्ट इयर बीएड इंट्रेंस देने वाली नीलम ने भी सहमति जताई।

200 स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर सवाल
वीमेंस कॉलेज की मनमानी की वजह से उन 200 स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर सवाल खड़ा हो गया जिनका एडमिशन होना है। बीएड के प्रॉस्पेक्टस में क्लियर लिखा हुआ है कि क्वेश्चंस हिंदी और इंग्लिश दोनों में रहेंगे। जबकि इंट्रेंस एग्जाम में क्वेश्चंस सिर्फ इंग्लिश में ही थे। ओएमआर शीट पर सीरियल नंबर नहीं था। कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें ओएमआर शीट की फोटो कॉपी दी गई थी। स्टूडेंट्स से ओएमआर शीट पर साइन नहीं कराया गया। हद तो यह है कि कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ सुमिता मुखर्जी ने इसपर कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि इंट्रेंस एग्जाम में कुछ भी गलत नहीं हुआ है।

केयू में बदनाम रहा है बीएड
कोल्हान यूनिवर्सिटी में बीएड शुरू से बदनाम रहा है। सिटी स्थित को-ऑपरेविट कॉलेज में लास्ट इयर और इस साल बीएड एडमिशन को लेकर काफी हंगामा हुआ। मेरिट लिस्ट पर बार-बार सवाल उठते रहे। इस साल हंगामे की वजह से कई महीनों में एडमिशन प्रोसेस कंप्लीट हो पाया। बहरागोड़ा कॉलेज में बीएड एडमिशन में गड़बड़ी की वजह से काफी हंगामा हुआ था और इसी वजह से वहां के प्रिंसिपल की मौत भी हुई थी। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज ऑटोनॉमस है और इसी वजह से इस कॉलेज को एग्जाम कंडक्ट कराने और एडमिशन का पूरा अधिकार मिला हुआ है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन इसी अधिकार का गलत फायदा उठा रहा है।

हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। जिसको जो बोलना है बोले।
- डॉ सुमिता मुखर्जी, प्रोफेसर इंचार्ज जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज

मुझे पहले यह बताइए कि पहले के इंट्रेंस एग्जाम में हिंदी और इंग्लिश दोनों में क्वेश्चन पूछे गए हैं क्या? अगर दोनों में क्वेश्चन थे तो इस बार भी वैसा ही होगा। हम इसके लिए फैक्ट्स फाइंडिंग कमिटी बनाएंगे।
- डॉ सलिल कुमार रॉय, वीसी केयू

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