-दुकान, शो-रूम के साथ इंडस्ट्री मालिक भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए होने वाले एक्स्ट्रा खर्च से हैं परेशान

-कोरोना संक्रमण पर खर्च होने वाला बजट कस्टमर की जेब पर पड़ेगा भारी

PRAYAGRAJ: लॉकडाउन में छूट के बाद धीरे-धीरे दुकानें, शो-रूम, फैक्ट्री, प्राइवेट आफिस आदि खुलने लगे हैं। पर अब सभी जगहों पर कोरोना से बचाव का उपाय भी करना है। मंथ की इलेक्ट्रसिटी, वाटर टैक्स, हाउस टैक्स, रेंट, स्टॉफ सैलरी व अदर एक्सपेंसेस के साथ ही अब कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए सेनेटाइजेशन और अदर सुरक्षा के उपायों ने मिनिमम पांच हजार से दो लाख रुपये तक का एक्स्ट्रा बजट बढ़ा दिया है, क्योंकि सेनेटाइजेशन के लिए नगर निगम पर डिपेंड नहीं हुआ जा सकता है। इस सभी बढ़े बजट को कहीं न कहीं कस्टमर की जेब पर पड़ना तय है।

बड़ी कंपनियों में सेनेटाइजेशन का खर्च

- एक बार का खर्च मशीन के लिए- 50,000 से 1,00,000 रुपये

- बीपीसीएल जैसी बड़ी कंपनी में मशीन खरीदने का खर्च 5,00,000 रुपये

- पर मंथ रिकरिंग एक्सपेंस 10,000 रुपये से 20,000

दुकान, शो-रूम को सेनेटाइज करने के लिए एक बार खर्च 5,000 से 15,000 रुपये

- पर मंथ रिकरिंग खर्च 3,000 से 5,000 रुपये

अब तो कोरोना वायरस के साथ ही जीना है और बिजनेस के साथ इंडस्ट्री भी चलाना है। इसलिए सभी ट्रेड, इंडस्ट्री और बिजनेसमैन के लिए सेनेटाइजेशन पर एक्स्ट्रा खर्च करना मजबूरी और जरूरी दोनों है।

विनय कुमार टंडन

अध्यक्ष, ईस्टर्न चैम्बर ऑफ कॉमर्स

तीन महीने से प्रोडक्शन जीरो है और एक्सपेंस पूरे। वर्कर्स को विदाउट वर्क सैलरी देनी पड़ी। हम लोगों को इस एक्सपेंस का कोई रिफंड नहीं है। बस किसी तरह से कोशिश कर रहे हैं कि इंडस्ट्री को जिंदा रखा जाए, क्योंकि बहुत परिवारों की रोजी रोटी का सवाल है।

दिनेश कुंद्रा

एमडी

त्रिवेणी इलेक्ट्रोप्लास्ट लिमिटेड

कोविड 19 के कारण सेनेटाइजेशन मशीन खरीदने और सेनेटाइज कराने में आने वाला खर्च सभी कंपनियों, दुकानों और शो-रूमों पर अतिरक्त भार है। कुछ कंपनी मालिक तो इस खर्च को प्रोडक्ट कास्ट में जोड़ रहे हैं, लेकिन लंबे समय तक इसे नहीं जोड़ा जा सकता।

इंद्रसेन सिंह

जनरल मैनेजर

बीपीसीएल, नैनी

दुकान और शो-रूम को सेनेटाइज करने के लिए करीब चार से पांच हजार रुपये का अतिरिक्त मंथली खर्च एक छोटे दुकानदार पर आ गया है। यह सारे एक्सपेंस व्यापारी के प्रॉफिट से ही जा रहा है। किसी कस्टमर से इस एक्सपेंस को चार्ज नहीं किया जा रहा है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

कोविड-19 से बचाव के लिए सेनेटाइजेशन और सेनेटाइजर का उपयोग बढ़ने से खर्च तो अतिरक्त पड़ा है, लेकिन अपने स्वास्थ्य और कस्टमर की सुरक्षा के लिए वर्तमान परिस्थितियों में यह आवश्यक भी है।

विपिन बहल

इंदिरा भवन

कुछ मजबूरी सरकारी आदेश की और कुछ मजबूरी अपने और अपने स्टॉफ के स्वस्थ रखने की है। इसलिए इस एक्स्ट्रा एक्सपेंस को तो झेलना ही होगा। यह खर्च उठाना आवश्यक हो गया है।

गौरव वीरेंद्र अग्रवाल

अंदर आने पर कैश लेने से पहले व देने के बाद ग्राहक के हाथ सैनिटाइज करवाते हैं। शोरूम को दिन में तीन बार सैनिटाइज किया जा रहा है। स्टाफ सभी सदस्य मास्क व दस्तानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो भी एक्सेस खर्च आ रहा है, उसे अपने प्रॉफिट से ही किया जा रहा है।

सुशील खरबंदा

अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल