गोरखपुर (ब्यूरो)। एक आरोपी सौरभ ने बताया कि वह गोरखपुर में रहकर ड्राइविंग करता है, उसका लाइसेंस गोरखपुर से ही बना है. उसी लाइसेंस का रिन्यूअल कराने अपने दोस्त अविनाश के साथ गोरखपुर आया था. इस दौरान मंदिर घूमने चला गया था. हालांकि, उसके झोले में कारतूस कहां से आया है, इसके बारे में जानकारी नहीं दे पा रहा है. पुलिस ने आरोपियों पर आम्र्स एक्ट का केस दर्ज कर लिया है.
पुजारी की गाड़ी चलाता था सौरभ
आरोपियों की पहचान झारखंड के गढ़वा इलाके के मध्या गांव निवासी सौरभ और अविनाश के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि सौरभ कुसम्ही इलाके के एक प्रसिद्ध मंदिर के पुजारी की गाड़ी चलाता था. पुजारी की ससुराल झारखंड में ही है. इस वजह से यहीं पर कई साल तक रहा है. सौरभ का लाइसेंस भी गोरखपुर से ही बना है, जिसका नवीनीकरण कराने के लिए अपने दोस्त अविनाश के साथ गोरखपुर आया था. पुजारी से मुलाकात करने के बाद दोनों गोरखनाथ मंदिर घूमने के लिए गए थे. इसी दौरान गोरखनाथ मंदिर गेट पर पुलिस ने चेकिंग की तो झोले से दो कारतूस मिल गया. कारतूस की सूचना पाते ही पुलिस हरकत में आ गई और फिर दोनों को हिरासत में ले लिया गया. मंदिर गेट पर कारतूस मिलने की वजह से आला अफसरों ने भी पूछताछ की.