एक कार्यक्रम में बोले जेटली

एक कार्यक्रम के दौरान अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर कोई भी शक नहीं है कि वैश्विक स्तर पर सामने आने वाले अस्थाई रुझानों का मुकाबला करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था की क्षमता काफी मजबूत है। ये वो अस्थाई रुझान हैं, जिनकी मुख्य वजह बाहरी कारण हैं। ऐसे में उनका कहना है कि फिलहाल देश में स्टील सेक्टर को मजबूत करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के साथ ही इसकी भी खपत जोरों के साथ बढ़ने वाली है।

खनन क्षमता को बढ़ाने की जरूरत

इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि आयरन ओर के खनन की क्षमता को बढ़ाने की भी पर्याप्त जरूरत है। ताकि कच्चे माल की कीमतों पर काबू को बरकरार रखा जा सके। इसको लेकर उनका कहना है कि इन सभी पहलुओं को देखें और इनको पूरी तरह से मजबूत बना लें तो भारत में वैश्विक मंदी से लड़ने की अपार क्षमता है। इस क्षमता को किसी भी कीमत पर तोड़ा नहीं जा सकता।

इस्पात क्षेत्र के सामने है सबसे बड़ी चुनौती

वित्त मंत्री ने इस्पात क्षेत्र के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में कहा कि इस क्षेत्र पर बाहरी कारणों का प्रभाव सबसे ज्यादा है। ऐसे में इस्पात क्षेत्र पर बने दबाव की वजह से बैंकों का कर्ज भी फंसा हुआ है। इस तरह से बैंकों के इस्पात क्षेत्र को दिए गए कर्ज की समय पर वापसी न हो पाने के कारण दूसरे क्षेत्रों को कर्ज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात क्षेत्र में ही बैंकों का सबसे ज्यादा कर्ज फंसा है। इसी के साथ इस्पात क्षेत्र को अपना पूरा समर्थन देने का वादा करते हुए जेटली ने कहा कि क्षेत्र की समस्या को जड़ से मिटाने की जरूरत है और पुरजोर कोशिश के साथ उसको मिटाया जाएगा। इसमें कोई शक नहीं है।

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