नयी दिल्ली (एजेंसियां)। आईसीएमआर द्वारा 98 लोगों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एक ही वैक्सीन की दो डोज की तुलना में कोविशील्ड और कोवैक्सिन इन दो कोविड-19 टीकों की मिलीजुली खुराक से बेहतर प्रतिरक्षण क्षमता प्राप्त होती है। इन लोगों में यूपी के वो 18 लोग भी शामिल हैं, जिन्‍होंने अनजाने में कोविशील्ड को पहली खुराक के रूप में और कोवाक्सिन को दूसरी डोज के रूप में लगवाया था। इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के संयोजन के साथ टीकाकरण सुरक्षित था और सामान्‍य डोजिंग की तुलना में प्रतिकूल प्रभाव भी समान पाए गए।

इस स्‍टडी की अभी नहीं हुई विस्‍तृत समीक्षा
इस संबंध में आईसीएमआर के हवाले से न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि COVID टीकों की मिक्सिंग और मिलान पर हुए अध्ययन में कोवैक्सिन और कोविशील्ड से बेहतर परिणाम सामने आए हैं। बता दें कि Serendipitous COVID-19 Vaccine-Mix in Uttar Pradesh, India के नाम से यह रिसर्च रिपोर्ट अपलोड की गई हैं, हालांकि अभी तक इसकी विस्‍तृत समीक्षा नही की गई है।

अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी वैक्‍सीन मिक्‍स का प्रभाव ज्‍यादा
इस अध्ययन में यह भी कहा गया है, " अलग अलग समूह में कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ मिक्‍स वैक्‍सीनेशन के चलते लोगों का इम्यूनोजेनेसिटी प्रोफाइल सामान्‍य से बेहतर था और आईजीजी एंटीबॉडी और प्रतिभागियों के एंटीबॉडी रिस्‍पॉन्‍स को बेअसर करना भी सिंगल वैक्‍सीन की दो डोज की तुलना में काफी अधिक था। ऐसे में एक सवाल सामने आ रहा है कि आने वाले दिनों में क्‍या अब लोगों को दो अलग-अलग वैक्‍सीन की मिक्‍स डोज लगाई जाएगी? हालांकि यह बात आने वाले दिनों में ही साफ हो पाएगी।

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