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12 लाख रुपए पंडाल तैयार करने में हो रहे खर्च

80 हजार रुपए में मां की प्रतिमा हो रही तैयार

04 लाख रुपए से पंडाल में हो रही है चंदननगर से आई लाइटिंग

30 लाख रुपए अन्य खर्चो में हो रहा है इस्तेमाल

40 कारीगर लगाए गए हैं पंडाल को तैयार करने में

02 महीनों से चल रही है पंडाल तैयार करने की प्रक्रिया

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-कटरा बारवारी पूरे कर रहा है अपने 100 साल, पंडाल तैयार करने में हो रहा है खास इंतजाम

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: कटरा बारवारी में इस बार मां दुर्गा परियों के देश में विराजेंगी। बारवारी की तरफ से परियों का देश यानी ड्रीमलैंड तैयार कराया जा रहा है। जिससे परियों के देश के लुक को प्रदर्शित किया जा सके। इसको तैयार करने में वेस्ट बंगाल से आए कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं। कटरा बारवारी के प्रधान सचिव श्रीमोन्तो बनर्जी ने बताया कि लैंड ऑफ ड्रीम पर पंडाल तैयार करने के लिए पिछले एक साल से प्लानिंग चल रही है। जनवरी में वेस्ट बंगाल की यात्रा के दौरान कई जगहों पर पंडाल के लिए चर्चा हुई और डिजाइन देखे गए। इसके बाद यह थीम फाइनल की गई और निर्माण के लिए कारीगरों को बुलाया गया।

पानी के संग साउंड और लाइटिंग

कटरा बारवारी के प्रधान सचिव श्रीमंतो बनर्जी ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल की खास बात यह है कि इसमें लगे कमल व अन्य फूल से पानी बहने की म्यूजिक के साथ ही रौशनी भी निकलेगी। इसके साथ ही पंडाल के मुख्य गेट पर सफेद रंग के दो हिरन लोगों का स्वागत करेंगे। उन्होंने बताया कि पंडाल के अन्य सेंटर ऑफ अट्रैक्शन पुलिस लाइन के सामने लाइटिंग के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक, बाहुबली और आदिवासी थीम प्रजेंट की जाएगी। लाइटिंग के लिए विशेष रूप से चंदननगर की लाइटिंग को बुलाया गया है।

1920 में बारवारी का हुआ था गठन

कटरा बारवारी की शुरुआत 1920 में लक्ष्मी टाकीज के सामने स्थित मनोरंजन गृह से हुई थी। इसके बाद से लगातार बारवारी की तरफ से नई-नई थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल तैयार कराया जाता रहा है। पंडाल में कार्यक्रम की शुरुआत दो अक्टूबर को चतुर्थी से आनंद मेला से होगा। इसके बाद पंचमी को बोधन, आनंद मेला और फनकार आर्केट्रा की प्रस्तुति होगी। इसके बाद लगातार महादशमी तक अलग-अलग कल्चरल इवेंट की प्रस्तुतियां होंगी। जिससे पंडाल में आने वाले को अलग अनुभव हो सके।