1- 1930 में उन्हें भौतिक विज्ञान में अपनी रिसर्च के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था। नोबल पुरस्कार पाने वाले वो पहले भारती थे।
2- साइंस के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार पाने वाले सीवी रमन पहले अस्वैत भारतीय वैज्ञानिक थे।
3- रोशनी के बिखराव पर उनकी रिसर्च को डिसकवरी आप रमन स्कैटरिंग या रमन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है।
4- नोबल पुरस्कार के नामों की घोषणा होने से पहले ही सीवी रमन ने स्वीडन के लिए अपनी टिकट बुक कराली थी। उन्हें यकीन था कि इस बार साइंस के क्षेत्र में उन्हें नोबल पुरस्कार जरूर मिलेगा।
5- प्रकाश विवर्तन पर पहला शोध पत्र लंदन की फिलसोफिकल पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
6- 1927 ई. में जर्मनी में प्रकाशित बीस खण्डों वाले भौतिकी विश्वकोश के आठवें खण्ड के लिए वाद्ययंत्रों की भौतिकी का लेख सीवी रमन ने ही तैयार किया था।
7- पारद आर्क के प्रकाश का स्पेक्ट्रम स्पेक्ट्रोस्कोप में निर्मित किया। उनकी ये खोज भी बहुत प्रसिद्ध हुई थी।
8- भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया तथा 1975 में लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया था।
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